शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की पूजा-उपासना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिस जातक की राशि में शनि की वक्री दृष्टि होती है, उसके जीवन में कुछ भी सही नहीं होता है। हालांकि, शनि देव की वक्री दृष्टि व्यक्ति के कर्मों के अनुसार पड़ती है, क्योंकि शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। ऐसे में शनि देव बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं और अच्छे कर्म करने वालों को पुण्यकारी फल देते हैं।
ज्योतिष गणना के अनुसार, जब कभी ग्रह-नक्षत्र की चाल बदलती है तो इससे व्यक्ति के जीवन पर अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। इस चाल से व्यक्ति कभी-कभी साढ़े साती दोष से ग्रसित हो जाता है। इस दोष को दूर करने के लिए शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही शनि देव के कई प्रभावशाली मंत्र हैं, जिन्हें शनिवार के दिन जाप करने से व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
आइए, इन मंत्रों को जानते हैं-
– “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
-ॐ कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात।
-ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
-ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि | तन्नो मन्दः प्रचोदयात ||
-ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि | तन्नो मंद: प्रचोदयात ||
-कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
-ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
शनिदेव पूजा विधि
शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं। अतः शनिदेव की पूजा-उपासना करने से पहले भगवान शिव अथवा श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए। तत्पश्चात, शनिदेव की पूजा श्रद्धाभाव से करनी चाहिए। साथ ही पीपल वृक्ष की भी पूजा करें। इस दिन तामसी प्रवृति, तामसी भोजन और बुरे कर्मों से दूर रहना चाहिए। शनिवार के दिन काले कपड़े पहनें। इस दिन जरूरतमंदों और गरीबों को दान देना फलदायी होता है।