लखनऊ: यूपी के इस विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशी ऐस थे जिनको राजनीति विरासत में मिली थी। आईये हम ऐसे प्रत्याशियों की जीत और हार के बारे में जानते हैं। विरासत में मिली राजनीति का किन लोगों को फायदा मिला और कौन इसका फायदा नहीं उठा सका।
विरासत में मिली राजनीति के मामले में सबसे पहले नाम है
अपर्णा यादव
मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव को राजनीति अपने परिवार से मिली। उनको समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ की कैण्ट सीट से चुनाव लड़ा। काफी कोशिशों के बाद अपर्णा यादव को जीत हासिल नहीं हो सकी और उनको भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा से हार का सामना करना पड़ा।
मृगांका सिंह
भाजपा नेता हुकुम सिंह की बेटी है मृगांका सिंह। उनको भाजपा ने कैराना सीट से टिकट दिया। कैराना से हिंदुओं के पलायन का मामला उठाने वाले हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को जनता ने पंसद नहीं किया और उनको नाहिद हसन से हार का सामना करना पड़ा।
अदिति सिंह
कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह ने रायबरेली की सदर सीट से चुनाव लड़ा और उन्होंने कांग्रेस की इस परम्परागत सीट का अपनी झोली में डालते हुए शाहबाज को भारी मतों से हराया
संदीप सिंह
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह अतरौली सीट से चुनाव लड़ा और विरेश यादव क को उन्होंने हार का रास्ता दिखाया।
पंकज यादव
देश के गृह मंत्री और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को भाजपा ने नोएडा सीट पर टिकट दिया। पंकज ने इस सीट पर एक लाख से अधिक वोट हासिल भारी जीत हासिल की और उन्होंने सुनील चौधरी को हराया।
गोपाल टण्डन
भाजपा के कद्दावर नेता लालजी टण्डन के बेट गोपाल टण्डन को भाजपा से टिकट हासिल किया और लखनऊ की पूर्व सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
संगमित्रा मौर्य
बसपा से भाजपा में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या संगामित्रा मौर्य की बेटी फाफामऊ सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और मोदी लहर में उनको भी जीत मिली