टीम इंडिया में वापसी की कोशिशों में जुटे ऑलराउंडर इरफान पठान ने स्वीकार किया कि अब उन्हें राष्ट्रीय टीम से खेलने की उम्मीद कम है। क्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में 33 वर्षीय पठान ने कहा, ‘टीम इंडिया ने कुछ समय पहले मेरा इंतजार करना छोड़ दिया है। मैंने उन्हें अपना सिलेक्शन करने का कोई मजबूत कारण भी नहीं दिया।’
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बता दें कि इरफान पठान ने पिछले पांच साल से कोई वन-डे या टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है। उन्होंने 9 साल पहले आखिरी टेस्ट मैच खेला था। हालांकि, पठान ने टीम इंडिया के लिए कई यादगार प्रदर्शन किए हैं। उनकी पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट हैट्रिक, पर्थ में मैन ऑफ द मैच बनना और 2007 वर्ल्ड टी20 के फाइनल में धमाकेदार प्रदर्शन फैंस के दिलों में आज भी ताजा है। पठान ने इंटरव्यू में इन शानदार प्रदर्शनों के बारे में कहा, ‘मैं अगर इन्हें भूलना चाहूं तो फैंस ऐसा करने नहीं देते, जो बहुत अच्छा है। इससे मुझे बेहतर प्रदर्शन करने की हिम्मत मिलती है।’
इरफान को इस वर्ष रणजी ट्रॉफी के लिए बड़ौदा का कप्तान बनाया गया है। हालांकि, उनका कप्तान के रूप में प्रदर्शन सराहनीय नहीं रहा है। बड़ौदा को अपने पहले मैच में मध्यप्रदेश के हाथों शिकस्त झेलना पड़ी जबकि आंध्रप्रदेश के खिलाफ दूसरा मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस दौरान इरफान का प्रदर्शन बल्ले से अच्छा नहीं रहा जबकि उनके बड़े भाई युसूफ पठान ने दो शतक जड़े। इरफान ने कहा, ‘मैंने ऑफ सीजन में कड़ी ट्रेनिंग की और उम्मीद करता हूं कि आगे बेहतर प्रदर्शन करूं। यह सीजन मेरे लिए काफी अहम है और मुझे पता है कि मैं पतली बर्फ पर खड़ा हूं।’
इरफान ने स्वीकार किया कि टीम इंडिया ने उनका कुछ समय पहले ही इंतजार करना छोड़ दिया। अपना आखिरी वन-डे खेलने के बाद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 17 लिस्ट ए मैचों में केवल 19 विकेट लिए जबकि 298 रन बनाए। आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन दमदार नहीं रहा, जिसकी मदद से वो राष्ट्रीय टीम में वापसी की दावेदारी पेश कर सके। उन्हें पिछले आईपीएल में किसी टीम ने नहीं खरीदा। हालांकि, गुजरात लायंस ने बाद में उनके रिप्लेसमेंट के रूप में शामिल किया, लेकिन पठान को सिर्फ एक मैच खेलने का मौका ही मिल सका।
पठान ने इंटरव्यू में अपने ऊपर लगे एक आरोप की सफाई भी दी। इरफान पर हमेशा आरोप लगते रहे कि टेस्ट टीम से बाहर होने के बाद वो सिर्फ आईपीएल के लिए फिट होते हैं बल्कि घरेलू सीजन के लिए वो अनफिट हो जाते हैं। पठान ने इस पर सफाई देते हुए कहा, ‘मैंने चोटिल होने से पहले लगातार 9 दिन यात्रा की और मैच खेले। मगर मैंने एक जगह पढ़ा कि इरफान घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं देते। मैंने अत्यधिक काम किया। यह प्रमुख मुद्दा था। मुझे जरुरत भी लगी, जब मैंने मदद मांगी तो किसी ने मदद नहीं की। यह आरोप बेबुनियाद हैं।’
इरफान पठान ने हालांकि टीम इंडिया में वापसी की उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं दमदार प्रदर्शन करके राष्ट्रीय टीम में वापसी की कोशिशों में लगा हुआ हूं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना चाहता हूं और उसके लिए प्रयासरत हूं।’
फ़िलहाल, पठान का ध्यान हार्दिक पांड्या के प्रदर्शन पर टिका है। पठान ने कहा, ‘पांड्या की गेंदबाजी उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है। वो बहुत फिट हैं और उन्हें अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगाने की जरुरत है। अगर वो अगले 5 से 7 साल ऐसा करने में कामयाब रहे तो उनका महान बनना तय है।