मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी कही जाने वाली गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ ने अब संगम के शहर इलाहाबाद को तेजी से डुबोना शुरू कर दिया है. इलाहाबाद में दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और दोनों नदियां खतरे के निशान से सिर्फ एक मीटर नीचे ही बह रही हैं. आशंका जताई जा रही है कि दोनों नदियां यहां बुधवार की शाम तक खतरे का निशान पार कर जाएंगी.
बाढ़ की वजह से गंगा और यमुना का पानी अब इलाहाबाद के निचले इलाकों और नदियों के किनारे की बस्तियों में घुसने लगा है.करीब एक हजार से ज़्यादा घरों में नीचे की मंजिल में बाढ़ का पानी घुस गया है और सड़कों-गलियों में नाव चलने लगी है. तमाम लोग अपना ज़रूरी सामान समेटकर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं. दोनों नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को भी एलर्ट कर दिया गया है.
संगम जाने वाले सभी रास्ते बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं और देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को दूर से ही गंगा मइया के दर्शन कर वापस लौटना पड़ रहा. इलाहाबाद में गंगा और यमुना दोनों ही नदियां चौरासी मीटर पर खतरे का निशान पार कर जाती हैं. मंगलवार को रात आठ बजे गंगा नदी 83.10 मीटर पर बह रही थी, जबकि यमुना का जलस्तर 82.90 मीटर पर था.
बाढ़ की वजह से शहर के दारागंज, सलोरी, बघाड़ा, तेलियरगंज, राजापुर, झूंसी और करेली के निचले इलाकों में पानी घुस गया है. कई जगह घरों में पानी भरने लगा है तो कई सड़कों पर वाहनों के फर्राटा भरने के बजाय उन पर नावें चलनी लगी हैं.
बाढ़ की रफ़्तार ने निचले नदियों के नजदीक की कालोनियों में रहने वाले लोगों की नींद हराम कर दी है. बाढ़ के मद्देनजर प्रशासन ने एलर्ट जारी कर दिया है और निचले इलाके में रहने वाले लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी है.
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