भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा का मानना है कि गेंद को चमकाने के लिए उपयोग की जाने वाली लार पर प्रतिबंध लगाने से बल्लेबाज हावी होंगे। इशांत ने कहा है कि प्रतियोगिता निष्पक्ष होनी चाहिए, न कि किसी एक पक्ष का पलड़ा ज्यादा भारी हो जाए। ICC ने मंगलवार को कहा कि उसने COVID-19 महामारी के मद्देनजर गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
देश के लिए अब तक 97 टेस्ट मैच खेलने वाले इशांत शर्मा ने कहा है कि अगर गेंदबाज टेस्ट क्रिकेट में लाल गेंद को चमकाएगा नहीं तो स्विंग नहीं होगी और इससे बल्लेबाजों को मदद मिलेगी। स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में इशांत शर्मा ने कहा है, “यदि हम लाल गेंद को चमकाएंगे नहीं तो यह स्विंग नहीं करता है और यदि यह स्विंग नहीं करता है तो यह बल्लेबाज के लिए वास्तव में आसान हो जाता है। मुझे लगता है कि प्रतियोगिता निष्पक्ष होनी चाहिए, जिसमें बल्लेबाज हावी नहीं होने चाहिए।”
लार का उपयोग मुख्य रूप से एक नई गेंद पर किया जाता है, जबकि पुरानी गेंद पर पसीना का उपयोग किया जाता है जब गेंद को रिवर्स स्विंग कराते हैं। लैंकी पेसर, जिनके नाम पर 297 टेस्ट और 115 एकदिवसीय विकेट हैं, उनका मानना है कि गेंदबाजों को यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी कि वे लार का उपयोग न करें, क्योंकि यह एक पुरानी प्रथा है, जिसे भुला पाना किसी के लिए आसान नहीं है।
दिल्ली की टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले इंशात शर्मा ने कहा है, “मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण बात गेंद पर लार के इस्तेमाल से बचना होगा और गेंद को चमकाने से बचना होगा। हमें इसके लिए विशेष सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि हम खासकर लाल गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करते हैं।” कई अन्य खिलाड़ियों का भी मानना है कि गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल उन्होंने बचपन से किया है। इसलिए कुछ समय के लिए भी इसे छोड़ना कठिन होगा।