• झाड़ू को लक्ष्मी के सदृश माना गया है। झाड़ू का पैरों से स्पर्श वर्जित है, अन्यथा लक्ष्मी मुंह मोड़ लेती हैं और उनकी बहन अलक्ष्मी अभाव और दुर्भाग्य को लेकर गृह में स्थायी आवास बना लेती हैं, ऐसा वास्तु से जुड़ी पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं।
लालकिताब दरअसल हमारा प्राचीन सलोहित शास्त्र था, जो पूजा पाठ से इतर, मामूली उपायों द्वारा समस्याओं का समाधान सुझाती थी। आक्रांताओं ने इसे अपनी भाषाओं में अनुवाद कर मूल ग्रंथ को नष्ट कर दिया। उसका फारसी से भारतीय भाषाओं में सर्वप्रथम परिचय, फरवाला, जालंधर के प़ं रूपचंद जोशी ने 1939 में प्रकाशित ‘लालकिताब के फरमान’ के द्वारा करवाया। इसके पश्चात उन्होंने 1940 में ‘लालकिताब के अरमान’, 1941 में ‘लालकिताब गुटका’, 1942 और 1952 में ‘लालकिताब’ के रूप में इस अति प्राचीन कर्म प्रधान ज्योतिषीय विधा को भारतीयों के समक्ष रखा।
प्रश्न: मेरे बॉस मुझसे प्रसन्न नहीं हैं। ऑफिस में कुछ लोग मेरे खिलाफ सक्रिय हैं। क्या करूं? जन्म तिथि- 06.12.1970, जन्म समय- 12.27 PM, जन्म स्थान- चिड़वा, झुंझनू (राजस्थान)। -आनंद नेमानी
उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आप अपने काम को पूरी निष्ठा, लगन, मीठी वाणी और शांत चित्त से अंजाम दें, बॉस स्वयमेव प्रसन्न हो जाएंगे। विरोधियों की चिंता व्यर्थ है। यदि कोई आपकी टांग खींच रहा है, तो एक बात तय है कि वह आपके नीचे है। प्रगति और उन्नति के लिए विरोध अनिवार्य शर्त है। आपकी राशि और लग्न दोनों कुंभ हैं। सूर्य करियर के भाव में बैठकर आपको फर्श से खींचकर अर्श पर बिठाने की कथा कह रहा है, तो वहीं पराक्रम भाव का लग्नेश शनि, लाभ भाव का बुध और सवग्रही भाग्येश शुक्र एक उत्तम योग निर्मित कर रहा है। 27.10.2015 से आप केतु की दशा भोग रहे हैं। यह दशा विरोधियों से मानसिक तनाव के साथ लाभ प्राप्ति के लिए जानी-पहचानी जाती है। न चिंता करें, न विरोधियों का चिंतन। बस, स्वयं पर यकीन कर अपने कर्म में लगे रहें। 27.10.2022 के बाद आप भाग्येश शुक्र के सकारात्मक और अद्भुत कालखंड में प्रविष्ट होंगे। ललाट, नाभि और जिह्वा पर केसर मिश्रित जल लगाने, मंगलवार को काला-सफेद कंबल के दान से लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं।
प्रश्न: अपनी गारंटी पर अपने चचेरे भाई को ऋण दिलवाया था। अब वो पैसा वापस करने में अक्षमता दिखा रहा है। उसके बच्चे विदेशों में शानदार जीवन बिता रहे हैं। मुझे उसकी नीयत पर संदेह है। कोई उपाय बताएं, जिससे मैं इस मुसीबत से बाहर निकल जाऊं। जन्म तिथि- 16.07.1981, जन्म समय- 08.30 बजे, जन्म स्थान- भरूच (गुजरात)।
उत्तर: हमारी मंशा और नीयत ही उसकी उन्नति या अवनति तय करते हैं। किसी को कष्ट देकर कोई कभी फल-फूल नहीं सकता। कर्जदार तब तक आनंद और प्रगति के भागीदार नहीं बन सकेंगे, जब तक वे शुद्ध नीयत से ऋण वापस न कर दें, ऐसा आध्यात्म के सूत्र मानते हैं। सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि धनु और लग्न कर्क है। आपका धनेश सूर्य व्यय भाव में विराज आपकी आर्थिक स्थिति के लिए चिंता की लकीरें उकेर रहा है, वहीं आपके धन का स्वामी बुध भी व्यय में बैठकर आर्थिक तनाव प्रदान कर रहा है। इस वक्त आप शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में भी हैं, पर चिंता बिलकुल न करें। विधाता का संकेत है कि 04.08.2018 से आरंभ होने वाला कालखंड आपको कई अच्छे समाचार सुनाएगा। आपकी कुंडली में कमजोर सूर्य भविष्य में किसी की भी गारंटी न लेने की सख्त चेतावनी दे रहा है। नित्य प्रातः सूर्य को कुमकुम, 21 लाल मिर्च के बीज और लाल पुष्प मिश्रित जल का अर्घ्य, और खाली मटकी का जल प्रवाह लाभ प्रदान करेगा, ऐसा मैं नहीं, ज्योतिषीय मान्यताएं कहती हैं।
प्रश्न: पारिवारिक संबंध खराब हो रहा है। धीरज खत्म हो गया हूं। जरा सी बात पर उबल पड़ता हूं। क्या करूं? जन्मतिथि-13.071981, जन्म समय-17.45 बजे, जन्म स्थान-देहरादून। -अजय गोस्वामी
उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि वृष और लग्न मिथुन है। बुद्धि का स्वामी बुध आपकी कुंडली के षष्ठ भाव में बैठकर आपको गलत फैसलों के लिए उकसा रहा है, वहीं ज्ञान का मालिक बृहस्पति प्रेम भाव में बैठकर व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित कर रहा है। मन का मालिक चंद्रमा व्यय भाव में विराजकर आपको स्वकेंद्रित, भावुक और उग्र बना रहा है। वर्तमान में अष्टमेश और भाग्येश शनि की अढ़ैया आपको हैरान कर परिवार में टकराव के हालात बना रही है। आप कदापि चिंतित न हों। तीखी प्रतिक्रिया, वाद-विवाद व सीधे दोषारोपण से बचें। खाली घड़े का जल प्रवाह, मस्तक, नाभि और जिह्वा पर केसर मिश्रित जल का लेप, निर्बलों की सहायता और मांस-मदिरा का त्याग स्थिति सुधारने में सहायक होगा, ऐसा मैं नहीं, ज्योतिष की पारंपरिक मान्यताएं कहती हैं।
प्रश्न: आर्थिक कष्ट से बेचैन हूं। करियर में उन्नति कब होगी? जन्म तिथि-07.03.1988, जन्म समय- 02.45 AM, जन्मस्थान-मुंबई। -आशुतोष सिंह
उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि कन्या और लग्न धनु है। धनेश और पराक्रमेश शनि लग्न में विराजकर जहां आपके चिंतन की दिशा को नकारात्मक धार दे रही है। वहीं पंचमेश और अष्टमेश मंगल शनि के साथ युति बनाकर आपके स्वभाव के माधुर्य का हरण करके उग्रता और झुंझलाहट प्रदान कर रहा है। इस समय आप शनि की अढ़ैया में हैं, जो अपेक्षाकृत बेहतर काल नहीं है। आप चिंता न करें। जनवरी, 2020 से आप नकारात्मक काल आर्थिक कष्ट से मुक्त होकर उन्नति की तरफ अग्रसर होंगे। नेत्रहीन लोगों की सहायता और योग्यता व क्षमता में वृद्धि के प्रयास से लाभ होगा, ऐसा ज्योतिषीय सूत्र कहते हैं।