हिन्दू धर्म के अनुसार जब भी किसी काम कि शुरूआत की जाती है, तो उसके पहले नारियल फोड़ने का विधान है। लेकिन कभी आपने इसके बारे में गौर किया है की आखिर किसी भी काम कि शुरूआत के पहले नारियल ही क्यों फोड़ा जाता है? मान्यता के अनुसार नारियल फोड़ना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है की प्रारंभ किये जाने वाले काम में किसी भी प्रकार का कोई विघ्न न आये इसलिए नारियल को फोड़ने का विधान है। इसके अलावा नारियल के फीचर बाकी सब तरह के फलों और सब्जियों से अलग होते हैं, जो कि बाहर से एक दम कड़क और अंदर से बिल्कुल सफेद और मुलायम होता है। ऐसे में इसके बाहरी हिस्से से इंसान के अहंकार और उसकी नेगिटिव क्वालिटिज को दर्शाया जाता है, जबकि उसके अंदर का मुलायम और सफेद हिस्सा इंसान की पवित्रता और पॉजिटिव क्वालिटिज को दर्शाता है।
जब हम नारियल को फोड़ते हैं, तो यह माना जाता है की हम अपने अहंकार और बुराईयों को खत्म कर रहे हैं। और इसे हमेशा भगवान के सामने इसलिए फोड़ा जाता है, ताकि हम अपनी पूरी निष्ठा के साथ उसका पालन कर सकें। इसका मतलब जब हम भगवान के सामने नारियल फोड़ते हैं, तो हम उनसे यह वादा करते हैं की हम अपनी बुराईयों को छोड़कर और एक अच्छा इंसान बनकर अपनी जिंदगी जिऐंगे।
नारियल को फोड़ने से जुड़ी एक बात यह है कि इसे कभी भी एकदम भगवान कि प्रतिमा के सामने नहीं फोड़ा जाता है, उसे उनकी दिशा में 100 से 200 मीटर की दूरी पर ही फोड़ा जाता है। एक और बात है, जिसका नारियल फोड़ते समय ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस समय अपने मन को एकदम शांत रखें और कोई भी बुरा विचार मन में नहीं आने दें।