हिन्दू धर्म के अनुसार सभी घरों में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान सत्यनारायण की कथा कराई जाती है. लेकिन कभी अपने ये सोचा कि ऐसा क्यों होता है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे सत्यनारायण की कथा से जुडी कुछ ख़ास बातें और इस कथा का महत्व. शास्त्रों के मुताबिक ऐसा माना गया है कि जो भी इस कथा को सुनता है और व्यक्ति अगर व्रत रखता है तो उसके जीवन में आये सारे दुखों को श्री हरि विष्णु खुद हर लेते हैं और उसके जीवन को खुशहाल बना देते है.
स्कन्द पुराण के मुताबिक भगवान सत्यनारायण श्री को भगवान् विष्णु का दूसरा रूप माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि इसी कथा को भगवान विष्णु ने देवर्षि नारद को अपने मुख से बताया था. खास बात यह है कि इस कथा को सुनने का सबसे शुभ दिन पूर्णिमा का दिन बताया गया है. ऐसा भी बताया गया है कि जो इस कथा को सुन नहीं पाते है वह पूर्णिमा को भगवान सत्यनारायण का मन में ध्यान कर लें.
ऐसा करने से आपको हर काम में सफलता मिलेगी. पुराणों में ऐसा भी बताया गया है कि जिस स्थान पर भी श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है उस घर में गौरी-गणेश, नवग्रह, समस्त भगवान प्रवेश करते है और उस घर के सभी सदस्यों को परेशानी से दूर रखते है. सत्यनारायण की कथा कराने का उत्तम स्थान केले के पेड़ के नीचे अथवा घर के ब्रह्म स्थान पर बताया गया है.