मुम्बई: ईडी ने गुरुवार को इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की। जाकिर नाइक पर कुल 193.06 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। ईडी ने नाइक और उसके दूसरे सहयोगियों के खिलाफ 22 दिसंबर 2016 को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
जाकिर नाइक फिलहाल मलयेशिया में रह रहा है और उस पर आतंकियों को उकसाने का भी आरोप है। इससे पहले मार्च 2019 में ईडी ने जाकिर नाइक के एक सहयोगी को मुंबई में गिरफ्तार किया था। पेशे से ज्वेलर नजमुदीन साथक को धनशोधन निवारण कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। नजमुदीन को नाइक की मदद करने और मनी लॉन्ड्रिगं में उसकी सहायता करने को लेकर गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों का आरोप था कि नजमुदीन ने करीब 50 करोड़ रूपये के कोष नाइक को भेजे जिनका बाद में धनशोधन किया गया। ईडी ने मुंबई में एक विशेष अदालत में धन शोधन रोकथाम अधिनियम पीएमएलए के तहत अभियोजन की शिकायत दायर की और कहा कि नाइक के भड़काऊ भाषणों और व्याख्यानों ने भारत में कई मुस्लिम युवाओं को गैरकानूनी गतिविधियों और आतंकवादी कार्रवाईयों में शामिल होने के लिए प्रेरित और उकसाया है।
इसमें कहा गया है कि उसके विचारों ने विभन्न मतवालंबियों के बीच सौहार्द बिगाड़ा और घृणा उत्पन्न की है। इस मामले में ईडी का यह दूसरा आरोपपत्र है पर नाइक के खिलाफ ऐसा पहला है जिसमें विशिष्ट तौर पर उसकी भूमिका का उल्लेख किया गया है।
इसमें कहा गया है कि नाइक ने भारत से विदेशों में धन भेजा और पुणे व मुंबई में अपने सगे संबंधियों के नाम से संपत्तियां खरीदीं। इसमें आगे बताया गया है कि जांच में यह भी पता चला है कि नाइक संदिग्ध नकदी हस्तांरण में भी शमिल रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए की एक प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने 2016 में नाइक पर मामला दर्ज किया था।