New Delhi : एक्टर रवि किशन भोजपुरी और बॉलीवुड की फिल्मों के बेहतरीन कलाकार हैं। जानें कैसा रहा उनका फिल्मी दुनिया में सफर।रवि किशन पैसा, शोहरत सब के धनी हैं आज लेकिन एक वक्त था कि उन्कें पास खाने को पैसे नहीं होते थे।
रवि ने बताया कि 1990 में जब गांव छोड़कर वो मुंबई आ गए थे तब उनके पास न खाने के लिए पैसे थे और न सिर छुपाने के लिए कोई ठिकाना।
दो वक्त की रोटी के लिए मैं रोज काम ढूंढता था। काम मिल जाता तो भर पेट खाता, नहीं तो भूखे पेट ही रात बितानी पड़ती थी।
रवि ने बताया कि, उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। गांव में जब भी नाटक होता तो मैं उसमें रोल करता था। दिखने में सुंदर होने के चलते गांव के लोग महिला का रोल देते थे।
बता दें कि रवि किशन का पूरा नाम रवि किशन शुक्ला है। 17 जुलाई, 1969 को जौनपुर के छोटे से गांव बिसुईं में जन्मे रवि की पत्नी का नाम प्रीति है। उनके चार बच्चे हैं। तीन बेटियां व एक बेटा सक्षम है। रवि के मुताबिक, गांव में कभी-कभी मैं रामलीला में सीता का रोल करता था। पिताजी को पसंद नहीं था कि बेटा पढ़ने-लिखने की जगह नाटक में एक्टिंग करे। पिताजी को लगता था कि बेटा नालायक हो गया है।
यह जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा। खानदान का नाम खराब करेगा। इससे नाराज पिताजी अक्सर मेरी पिटाई कर देते थे। एक दिन गुस्से में उन्होंने मुझे खूब पीटा। मां ने मुझे बचाने की कोशिश की, लेकिन पिताजी मानने को तैयार न थे। इसके बाद मां ने कहा कि बेटा जान बचाकर यहां से भाग जाओ। मां की बात मान मैंने घर छोड़ दिया और मुंबई पहुंच गया।