नई दिल्ली: नोटंबंदी के बाद से केंद्रीय एजेंसियों ने बेनामी संपत्ति कानून के तहत पांच माह में 200 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का कदम उठाया। अब तक 140 मामलों में संपत्तियों को जब्त करने का नोटिस दिया गया और इनमें से 124 मामलों में कार्रवाई को भी अंजाम दिया गया।

राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने सदन को बताया कि पिछले साल 1 नवंबर से प्रभावी हुए बेनामी संपत्ति कानून-2016 के तहत केंद्रीय एजेंसियों ने बड़ी तादाद में बेनामी लेनदेन को चिन्हित किया है। इनमें से 140 मामलों में संपत्ति को कब्जे में लेने के लिए एजेंसियों की ओर से कारण बताओ नोटिस भी भेजे गए जिनकी कीमत 200 करोड़ के करीब है। इनमें से 124 मामलों में संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जब्त की गई बेनामी संपत्ति में बैंक खाते और अचल संपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि कानून बनाए जाने के बाद एजेंसियां तेजी से काम कर रही हैं। विभिन्न स्तरों पर सरकार भी कदम उठा रही है। ऐसे में बेनामी लेनदेन करने वालों का बचना नामुमकिन है। बेनामी कानून में संपत्तियों को जब्त और उन्हें सील करने का अधिकार है। इसके अलावा जुर्माने के साथ सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है।
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