शुक्रवार आधी रात से भारत में जीएसटी लागू हो गई है. गुगल के अनुसार भारत के अलावा लगभग 150 देशों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अपना चुके हैं. हालाकि, इस डाटा को नीति आयोग के सदस्य बिवेक देबराय मानने से इंकार कर रहे हैं.

इंडिया टुडे द्वारा आयोजित टैक्स कॉन्क्लेव में शुक्रवार को बिवेक देबराय ने कहा कि सिर्फ 6 से 7 देशों में ही जीएसटी लागू हुई है. इसके अलावा उन्होंने यहां तक कहा कि भारत से पहले कनाडा ही मात्र एक संघीय देश है, जहां जीएसटी लागू हुई. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय ने जीएसटी और वैट जैसे कर के बारे में कुछ देशों में स्टडी की थी. वहीं जीएसटी काउंसिल नई कर व्यवस्था बनाने में व्यस्त था.
26 सालों के बहस के बाद मलेशिया में जीएसटी
1954 में फ्रांस ऐसा पहला देश बना जहां जीएसटी लागू हुआ और अच्छे से चला. हाल ही में सेशेल्स, कांगो, गाम्बिया और मलेशिया ने भी अपने देश में जीएसटी लागू किया है. 26 सालों तक चले बहस के बाद 2015 में मलेशिया ने भी जीएसटी लागू कर दिया था. इससे वहां की मुद्रास्फीति में तेज बढ़त देखी गई. वहीं राजस्व में मामूली बढ़त हुई. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी जीएसटी लागू होने के बाद ठीक वही स्थिती हुई थी. भारत के अलावा कनाडा में भी राज्यों के लिए अलग से जीएसटी है. नई कर प्रणाली आने के बाद कनाडा में भी मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हुई.
जीएसटी के क्रियांवयन में कठनाई
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने दिसंबर, 2015 में दुनियाभर के संघीय देशों में जीएसटी के क्रियांवयन पर एक तुलनात्मक अध्ययन कर के रिपोर्ट पेश की थी. उनका रिपोर्ट यूरोपीय संघ, कनाडा, ब्राजिल, इंडोनेशिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया पर आधारित थी. सुब्रमण्यम ने इन देशों में जीएसटी के काम करने के तरीके में कठनाई की बात कही थी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी जीएसटी के क्रियांवयन पर विभिन्न देशों में अध्ययन किया था. जिसे ‘स्टेट फाइनानस: ए स्टडी ऑफ बजट ऑफ 2016-17’ में रिपोर्ट किया गया. अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, मलेशिया, न्यूजीलैंड और रूस के जीएसटी के अनुभव को इसमें लिखा गया है. उसमें कुछ गड़बड़ीयां भी मिली.
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