इस तरह कांग्रेस को झटका देने को पूरा तैयार हैं गुजरात के नए ‘बापू’, जानिये कैसे..??

कांग्रेस के उस कद्दावर नेता का 21 जुलाई को जन्मदिन है, जो कभी संघ और बीजेपी का बड़ा चेहरा था. जी हां, हम बात कर रहे हैं शंकरसिंह वाघेला की. गुजरात कांग्रेस के विपक्ष के नेता शंकरसिंह वाघेला इस बात को लेकर अरसे से सुर्खियों में है कि वह कांग्रेस में रहेंगे या बीजेपी में लौट जाएंगे. खुद वाघेला ये कह कर विवाद को इन अटकलों को हवा देते रहे हैं कि ‘वह आज कांग्रेस में हैं, कल का क्या पता.’

देखें, भारतीय सेना की इतनी ज्यादा है ताकत…खत्म कर सकती है एक साथ इन बड़े देशों को, लेकिन फिर 

इस तरह कांग्रेस को झटका देने को पूरा तैयार हैं गुजरात के नए 'बापू', जानिये कैसे..??

शंकरसिंह वाघेला दिल्ली आए तो माना गया कि यह कांग्रेस से उनके समझौते का आखरी मौका था. तमाम खोजबीन के बाद आज तक को जानकारी मिली कि वह राहुल या सोनिया गांधी से मिलने नहीं जा रहे, बल्कि दोपहर दो बजे सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से मुलाकात करेंगे. मीडिया की टीमें अहमद पटेल के घर के बाहर खड़ी रहीं, लेकिन वाघेला नहीं आए. वाघेला ने गुजरात भवन में मीडिया से बात की और कहा कि वह किसी निजी काम से दिल्ली आए थे और अब वापस अहमदाबाद जा रहे हैं. उन्होंने साफ किया कि वह न राहुल से मिलने वाले हैं और ना सोनिया गांधी से. यहां अहमद पटेल का तो उन्होंने नाम भी नहीं लिया.

अभी-अभी: CIA एजेंटों ने किया अमेरिका और पाक का ये बड़ा खुलासा…

कुल मिलाकर बात सीधी है कि वाघेला और कांग्रेस के बीच माहौल ठीक नहीं है. कांग्रेस के सूत्र कहते हैं कि पार्टि ने तो वाघेला को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ऑफर कर दी. हालांकि आईटीडीसी के चेयरमैन रहते हुए वाघेला पर भ्रष्टाचार के आरोपों ने ‘गुजरात के बापू’ को बैकफुट पर ला दिया है. शायद इसीलिए वह मजबूरी में कांग्रेस का दामन छोड़ना चाहते हैं.

अभी-अभी: कांवड़ियों के शिविर पर हुआ ये बड़ा हादसा हुए 100 लोग…..

कांग्रेस से जुड़े सूत्र यह भी कहते हैं कि सीबीआई के दबाव में वाघेला अगर पार्टी छोड़ते भी हैं तो हमारी उम्मीद यही है कि वह न तो नई पार्टी बनाएंगे और न बीजेपी के साथ जाएंगे. हालांकि 76 वर्षीय वाघेला के करीबियों का कहना है कि संभवत: वह अपनी उम्र का हवाला देकर राजनीति से सन्यास की घोषणा कर दें, लेकिन अपने बेटे को BJP भेज कर वह खुद को सीबीआई से भी बचा लेंगे और कांग्रेस से भी रास्ता निकाल लेंगे.

 दिल्ली आए वाघेला ने हर सवाल के जवाब में सिर्फ इतना कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से दिल्ली आए हैं और अगर कोई फैसला सुनाना है कि वह जन्मदिन के दिन सुनाएंगे. हालांकि यहां वाघेला का अहमद पटेल से भी मुलाकात नहीं करना बताता है कि मामला कुछ गड़बड़ है. ऐसे में वाघेला के जन्मदिन कार्यक्रम में चंद घंटे बचे हैं, इस दौरान वाघेला और कांग्रेस के बीच कोई सहमति बन गई तो ठीक, वरना आप कह सकते हैं कि ‘गुजरात का बापू’ कांग्रेस के लिए हानिकारक होने वाला है.
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com