वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट रोहित गंगवाल की मानें तो यह सांप शांत प्रवृति का होता है। इसमें जहर भी नहीं होता। यह इतना शांत होता है कि यदि किसी के घर में आ जाए, तो उसे आसानी से बाहर किया जा सकता है।
उनके अनुसार कुछ मिथ हैं, जैसे इस सांप की स्टीम से चेहरे की खोई रौनक लौट जाती है, या इसे खाने से आदमियों की पौरुष क्षमता बढती है। यह सब अफवाहें हैं, जो इसकी कीमत के लिए जिम्मेदार हैं। कई तंत्र-मंत्र वाले लोग भी इस सांप का इस्तेमाल करते हैं। वे इस सांप की बलि तक चढ़ाते हैं। कुछ मानते हैं कि इस सांप की स्टीम से चेहरे की खोई रौनक लौट जाती है, या इसे खाने से आदमियों की पौरुष क्षमता बढती है।
रोहित गंगवाल उनके अनुसार इस सांप की लंबाई तीन साढ़े तीन फीट की होती है। इसे दुंभी भी कहा जाता है। एक खास बात ये भी है कि जो पक्षी सांप भक्षण करते हैं, उनके लिए यह सॉफ्ट टारगेट होता है। सांप खाने वाले पक्षी सबसे पहले इस सांप के मुंह पर हमला करते हैं। जब कोई इस पर हमला करता है, तो यह अपना मुंह छिपा लेता है और मुंह के आकार की पूंछ को आगे कर देता है। जिससे इसे बचने का मौका मिल जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार इन सांपों की तस्करी बड़े पैमाने पर की जाती है। इनका रैकेट देश के कई हिस्सों में चल रहा है। इनमें बिहार,बंगाल,मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के बीच संचालित है।