मानसून की दस्तक से कोसी नदी की सूखती धारा को पुनर्जीवन देने के लिए एक बार फिर महाअभियान शुरू हो गया है। तीसरे चरण में 1800 मीटर की ऊंचाई पर नदी के प्रमुख 14 रिचार्ज जोन में से एक देवलीखान के गढ़वाली वन क्षेत्र को हरा-भरा बनाने का जिम्मा भारतीय सेना की 130- इंफेंट्री बटालियन (कुमाऊं पर्यावरण) ने संभाल लिया है। हरेला पर्व यानी 16 जून को यहां पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल में पांच हजार पौधे लगाए जाएंगे।
बीते ढाई दशक से कोसी को जीवनदान देने के लिए शोध एवं अनुसंधान में जुटे निदेशक नेचुरल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट इन उत्तराखंड (एनआरडीएमएस) प्रो. जीवन सिंह रावत के सुझाव पर कोसी पुनर्जनन समिति ने रिचार्ज जोन देवलीखान के गढ़वाली वन क्षेत्र को भारतीय सेना की पर्यावरण बटालियन के सुपुर्द कर दिया है। कुमाऊं की लाइफ लाइन कोसी को पुनर्जीवित करने के लिए सोमवार को मेजर फकिरप्पा बीके के नेतृत्व में नायब सूबेदार दीवान सिंह व नायब सूबेदार मेहरबान सिंह के साथ 45 जवान पौधों के लिए गड्ढे खोदने में जुट गए।
19.81 वर्ग किमी में फैला है देवलीखान रिचार्ज जोन
निदेशक एनआरडीएमएस प्रो. जीवन सिंह रावत के अनुसार देवलीखान में कोसी का रिचार्ज स्थल 19.81 वर्ग किमी दायरे में फैला है। यहां से कोसी की तीन सहायक नदियां निकलती हैं। इसके अलावा कुछ छोटी धाराएं भी हैं, जो वर्तमान में दम तोड़ चुकी हैं। इस रिचार्ज जोन के इर्दगिर्द 24 गांव बसे हैं।