गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी (एसएमए) टाइप वन से जूझ रही मासूम परी का मामला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। अब उसका इलाज होने की उम्मीद बढ़ गई है। सदर सांसद रवि किशन ने परी की बीमारी के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जानकारी दी है।

पीएम राहत कोष से मदद की गुहार
सांसद के प्रतिनिधि समरेंद्र विक्रम सिंह शाहपुर के घोसीपुरवा स्थित मुक्तिनाथ के घर पहुंचे। उनकी साढ़े छह साल की बेटी गरिमा उर्फ परी इस बीमारी से जूझ रही है। उन्होंने परी के स्वजन से बात कर सांसद को पूरी जानकारी दी। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सांसद ने कहा है कि मुंबई की तीरा कामत की तरह परी को भी मदद की दरकार है। परी के इलाज में लगने वाला इंजेक्शन उन्होंने इस रकम को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दिलाने की मांग की है।
सीएम को भी लिखा पत्र
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सांसद ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन राहत कोष से आर्थिक मदद करने की अपील की है। समरेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि जल्द ही परी के इलाज के कागजात को लेकर सांसद प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मिलेंगे।
एक लाख लोगों में एक को होती है यह बीमारी
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक लाख में एक बच्चे को होती है। इस बीमारी का इलाज बेहद महंगा है। इसमें जीन थेरेपी होती है। विश्व के चंद अस्पतालों में इसका इलाज होता है। इस बीमारी के इलाज में ही 16 करोड़ का जोल्जनसमा इंजेक्शन लगता है। आयात टैक्स लेकर इसकी कीमत लगभग 22 करोड़ रुपये हो जाती है। इसे स्विट्जरलैंड की नोवार्टिस कंपनी बनाती है। मुंबई के एसआरसीसी अस्पताल में भर्ती तीरा कामत को यह इंजेक्शन लगना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंजेक्शन पर लगे टैक्स को माफ कर दिया है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features