नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के खत्म होने बस अब दो चरण के चुनाव बाकी है। अभी से लोग 23 मई के दिन का इंतजार कर रहे है। 23 मई को चुनाव के परिणामों पर सभी की नजर होगी। हालांकि इस बार परिणाम का इंतजार कुछ लंबा होगा। हर बार की तरह तस्वीर साफ होने में कुछ घंटे और लग सकते हैं।
इनमें सबसे पहली और बड़ी वजह यही है कि इस बार वोटों की गणना का काम कुछ लंबा हो गया है। लंबा इसलि हुआ है क्योंकि इस बार वीवीपैट से निकली पांच फीसद पर्चियों का मिलान वोटों से किया जाएगा। यही मतगणना का एक ऐसा तकनीकी पक्ष है जिसकी वजह से परिणामों में इस बार विलंब हो सकता है। यदि आपने इस लोकसभा चुनाव में वोट डाला है तो आपको याद होगा कि ईवीएम में प्रत्याशी के सामने का बटन दबाते ही इसके साथ में रखी वीवीपैट यानी वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल की स्क्रीन पर एक पर्ची दिखाई दी होगी।
इस पर प्रत्याशी का फोटो और पार्टी का नाम आदि जानकारी अंकित होती है। सात सेकेंड तक यह पर्ची आपको दिखाई देती है। इसके बाद यह उसी में जमा हो जाती है। इसके पीछे मकसद सिर्फ यही है कि चुनाव में किसी भी तरह की धांधली और विवादों को खत्म किया जा सके। परिणाम को लेकर हुए विवाद के समय ईवीएम और इससे जुड़ी वीवीपैट मशीन की पर्चियों का मिलान किया जाएगा जिससे सही परिणाम आ सके और विवाद को खत्म किया जा सके।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो उस वक्त मतदान के लिए ईवीएम का ही इस्तेमाल किया गया था। मतगणना के दौरान ईवीएम पर एक बटन दबाने से ही इसका रिजल्ट मिल जाता था। लेकिन अब इसके साथ वीवीपैट मशीन जोड़े जाने और पांच प्रतिशत पर्चियों के मिलान की वजह से इस बार की मतगणना में पांच से छह घंटे की देरी हो सकती है। लिहाजा प्रत्याशियों को कुछ ज्यादा देर अपने परिणाम के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।