रंगों के त्योहार होली का उत्साह पूरे देश में है। इस बार 28 मार्च, रविवार को होलिका दहन होगा और 29 मार्च, सोमवार को होली खेली जाएगी। हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस बार भी होली फीकी रहेगी। लोगों से अपील की जा रही है कि वे घर में रहते हुए ही होली मनाएं। भारतीय संस्कृति में होली का धार्मिक ही सबसे अधिक है। कहा जाता है कि इस दिन हनुमानजी की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। मान्यताओं के अनुसार, होली दहन वाली रात में हनुमानजी की पूजा करना शुभ रहता है।
होली पर की जाने वाली हनुमान जी की विशेष पूजा की विधि के अनुसार, होलिका दहन की रात स्नान करें और नजदीकी हनुमान मंदिर जाकर पूजा करें। सबसे पहले खुद के लिए लाल कपड़े का आसन बिछाएं। सबसे पहले हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाएं। चमेली का तेल लगाएं। फूलों का हार पहनाएं। चोला अर्पित कर प्रसाद चढ़ाएं। इसके बाद अगरबत्ती और घी का दीपक जलाना जलाएं। इसके बाद हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करने के बाद आरती करें। इस तरह पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। मांस और मदीरा का सेवन बिल्कुल न करें। जहां तक संभव हो, काले या सफेद कपड़े पहनकर पूजा न करें। प्रस्न मन से पूजा करें।
बात दें, इस पर होली विशेष योग में मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार होली पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। पंचक भी नहीं रहेगा। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र विशिष्ट करण में इस बार की त्रियोगी होली है। सवार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग के साथ वृद्धि योग इन तीन योग से मिलकर इस बार त्रियोगी होली बन गई है। परिजन के साथ होलिका दहन में हिस्सा लें और मनोकामना पूरी करने के लिए पूजा करें।
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