भगवान श्री जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन इस बार यात्रा के बजाय फेसबुक पर होंगे। शहर की सबसे पुरानी मारवाड़ी गली से निकलने वाली श्री भगवान जगन्नाथ की यात्रा इस बार भी नहीं निकलेगी। प्रवक्ता सूर्य पाठक का कहना है कि अध्यक्ष दीप चंद्र अग्रवाल की ओर से प्रशासन से अनुमति मांगी तो गई है, लेकिन यात्रा में श्रद्धालुओं को रोकने की चुनौती होगी। इसलिए मंदिर में प्रतिमा स्थापित कर दर्शन ऑनलाइन और फेसबुक पेज पर होंगे।
हर साल पुरी की तर्ज पर आषाढ़ मास की शुक्लपक्ष की द्वितीया को यात्रा निकलती है। इस बार यह तिथि 12 जुलाई को पड़ रही है। डालीगंज के श्री राधा माधव मंदिर से जोर शोर से निकलने वाली भव्य यात्रा इस बार नहीं निकलेगी। मंदिर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भारत भूषण अग्रवाल ने बताया यात्रा में सैकड़ों लोग जुटते हैं। सामाजिक दूरी का पालन मुश्किल होगा, इसलिए हम यात्रा नहीं निकालने पर विचार कर रहे हैं। यात्रा की बजाय मंदिर परिसर में ही नियमों के तहत भक्तों को दर्शन करवाए जाएंगे। प्रवक्ता अनुराग ने बताया कि ऑनलाइन भगवान के दर्शन होंगे। मोती नगर गौड़ीया मठ से भी यात्रा निकालने की बजाए मंदिर परिसर में ही भक्तों को नियमों के तहत दर्शन करवाने की तैयारी है। पिछले कई सालों से बापू भवन से निकल रही जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए लकड़ी की प्रतिमाएं बनने का काम शुरू हो गया है। यात्रा से जुड़े आयोजक सनातन महासभा के अध्यक्ष डॉ प्रवीण ने बताया प्रशासन ने अनुमति दी तो यात्रा निकलेगी अन्यथा संक्षेप में ही पूजन किया जाएगा।
सहालग 15 तक, श्रावण 25 से: सहालग भी 15 जुलाई को समाप्त हाेगी। 20 जुलाई से देवशयनी एकादशी शुरू होगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 20 से ही जैन समाज का चातुर्मास शुरू होगा। 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा और 25 जुलाई को श्रावण मास की शुरुआत होगी।
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