वैसे तो चोरी करना सामाजिक और कानूनी दोनों ही स्तरों पर अपराध माना जाता है। चोरी करने वाले को उसकी मृत्यु के बाद नर्क में भी यमराज द्वारा कई प्रकार की सजाएं दी जाती हैं।
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते है जहां चोरी करने पर आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। जी हाँ देव भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में एक ऐसा चूड़ामणि देवी का मंदिर है जहाँ पर चोरी करने से आपकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है। तो आइये आज हम आपको इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के बारे में बताते हैं।
क्या है मान्यता?
इस मंदिर में ऐसी मान्यता है कि जब किसी दंपत्ति को पुत्र प्राप्ति की इच्छा होती है, तो वे पति-पत्नी दोनों मिलकर इस मंदिर में मत्था टेकते है और माता के चरणों से लोकड़ा (लकड़ी का गुड्डा) चोरी करके अपने साथ ले जाते है तो बेटा होता है। उसके बाद बेटे के साथ माता पिता को यहाँ आकर मत्था टेकना पड़ता है।
क्या है इतिहास?
कहा जाता है कि चूड़ामणि देवी का मंदिर लंढौरा रियासत के राजा ने 1805 में बनवाया था। जब एक बार राजा शिकार करने जंगल आये थे तो उन्हें यहां पर माता के पिंडी रूप में दर्शन हुए।
राजा का कोई पुत्र नहीं था इसलिए राजा ने माता से पुत्र प्राप्ति की मन्नत मांगी। जब राजा को पुत्र प्राप्ति हो गई तो उन्होनें यहाँ पर चूड़ामणि देवी का मंदिर बनवाया था।
इस मान्यता की वजह से इस मंदिर में चोरी की परम्परा है। जब भी किसी दंपत्ति को पुत्र की प्राप्ति हो जाती है तो उन्हें यहाँ वापस आकर मत्था टेकना पड़ता है और माता के चरण में एक लोकड़ा चढ़ाना पड़ता है। इसी परम्परा की वजह से इस मंदिर में भक्तों के द्वारा चोरी की जाती है ताकि उनकी इच्छा पूरी हो सके।
बता दें ये मंदिर आईआईटी के लिए मशहूर रूड़की शहर के चुड़ियाला गाँव में स्थित है। जहां साल के बारों महीने भक्तों का तांता लगा रहता है जो चोरी करके देवी माँ के समक्ष अपनी इच्छा रखते हैं।