मल्टीमीडिया डेस्क। मिलिये एक अनोखी लड़की से जिसने अपना आदर्श किसी इंसान को नहीं बल्कि घोड़ों को बनाया। केट हावर्ड नाम की यह लड़की पूरे 13 साल तक एक घोड़े की तरह जीवन व्यतीत करती रही। किसी घोड़े की तरह ही वह जमीन पर चलती और घास खाया करती थी। ऐसा क्यों हुआ इसके पीछे भी रोचक वजह है। असल में 6 साल की आयु में उसे अहसास हुआ कि उसके शरीर में किसी घोड़े की आत्मा का वास है।
बस, इसके बाद से ही वह घोड़ा बन गई। स्कॉटलैंड की रहने वाली केट का पूरा बचपन खेतों में घूमते हुए बीता। यह सब करते समय वह सहज महसूस करती थी। इतना ही नहीं, उसकी बहन सारा ने भी उसे घोड़े की तरह जीने में पूरा सहयोग दिया।
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केट सिंगल है, उसकी शादी नहीं हुई है। उसके पिता कोनार्ड उसे समझाते थे कि यह घोड़ों की तरह जीना एक बचपना है, बड़े होकर इसे बदलना होगा। उम्र बढ़ने के साथ अब उसने यह सब छोड़ दिया है। अभी भी उसका लगाव घोड़ों के प्रति बना हुआ है। उसने एक घोड़ा भी पाला था जिसकी मौत हो चुकी है।
अब उसका कहना है कि उसके पालतू घोड़े व उसके पिता की मौत के बाद उसे उनकी आत्माएं बादलों में नज़र आती हैं। अब वह बड़ी हो चुकी है इसलिए अपने बचपन के बरताव को वह पलायनवाद मानती है। बचपन में पनपने वाली ये वृत्ति पलायनवाद कहलाती है जिसमें बच्चे कल्पनालोक में जीने लगते हैं।