इस विटामिन की कमी से हाथ-पैर होने लगते हैं सुन्न

अक्सर कुछ लोगों को पूरी नींद लेने के बाद भी शरीर में थकान रहती है, कई बार हाथों और पैरों में झुनझुनी भी रहती है। ऐसा होने के पीछे विटामिन बी 12 की कमी हो सकती है। विटामिन बी12 को कोबालामिन भी कहा जाता है, ये हमारे शरीर के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, तंत्रिका तंत्र के सही कामकाज और डीएनए संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह विटामिन सामान्य तौर पर हमें प्राकृतिक रूप से पशु-आधारित खाद्य पदार्थों (जैसे मांस, मछली, अंडे और डेयरी) से मिलता है, यही कारण है कि शाकाहारियों और वीगन लोगों में इसकी कमी का जोखिम सबसे अधिक होता है। इसकी कमी के लक्षण अक्सर धीमी गति से विकसित होते हैं और शुरुआत में अस्पष्ट हो सकते हैं, जिससे कई बार थकान या तनाव मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

जैसे-जैसे शरीर में B12 का स्तर गिरता है, इसके गंभीर लक्षण सामने आने लगते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है हाथ-पैर का सुन्न होना और शरीर में लगातार थकान बना रहना। अगर इस कमी को लंबे समय तक अनदेखा किया जाए, तो यह तंत्रिका तंत्र को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।

हाथ पैरों में झुनझुनी पड़ना
विटामिन B12 की कमी का सबसे स्पष्ट संकेत है हाथों और पैरों का सुन्न होना या उनमें झुनझुनी महसूस होना। यह इसलिए होता है क्योंकि B12 की कमी से तंत्रिकाओं (नस) को सुरक्षित रखने वाली परत को नुकसान पहुंचता है। जब नसें ठीक से काम नहीं कर पातीं, तो पैरों और हाथों में ‘पिन चुभने जैसा’ अजीब सा एहसास होता है। कई बार लोग इसे शुगर (डायबिटीज) से जुड़ी समस्या समझ लेते हैं, जबकि यह सीधे B12 की कमी से हो सकता है, जिसके लिए तुरंत इलाज जरूरी है।

हमेशा थकान विटामिन B12 की कमी का लक्षण
विटामिन B12 खून बनाने के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी होने पर, शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कम बनती हैं, जिससे एनीमिया (खून की कमी) होता है। एनीमिया के कारण शरीर के अंगों को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसी वजह से व्यक्ति को हर समय बहुत ज्यादा थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होती है। यह थकान इतनी बढ़ जाती है कि रोज के सामान्य काम करना भी मुश्किल हो जाता है।

याददाश्त और मानसिक सेहत पर असर
यह विटामिन दिमाग के स्वास्थ्य और सोचने-समझने की शक्ति को भी प्रभावित करता है। B12 की कमी के कारण लोगों में याददाश्त कम होना, ध्यान लगाने में दिक्कत और भ्रम जैसे लक्षण दिख सकते हैं। गंभीर स्थिति में यह डिप्रेशन (अवसाद) जैसी मानसिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। सही समय पर डॉक्टर की सलाह से B12 के सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन लेने से इन मानसिक परेशानियों को रोका जा सकता है।

शाकाहारी लोगों को अधिक खतरा
चूंकि विटामिन B12 प्राकृतिक रूप से पौधों (सब्जियों/फलों) में कम पाया जाता, इसलिए शाकाहारी और वीगन लोगों में इसकी कमी का खतरा सबसे ज्यादा होता है। बढ़ती उम्र या कुछ दवाएं भी इसके अवशोषण को कम कर देती हैं। शाकाहारी लोगों को अपनी डाइट में B12 फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ (जैसे स्पेशल अनाज या दूध) शामिल करने चाहिए। अगर कमी गंभीर है, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन लेना ही सबसे अच्छा समाधान है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com