इस साल का अंतिम प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रहा है, आइए जानते..
हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हर मास के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष उपासना का विधान है और उनकी पूजा प्रदोष काल अर्थात सूर्यास्त्र के बाद की जाती है। पौष मास में प्रदोष व्रत के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी अड़चने दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं कब है वर्ष 2022 का अंतिम प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और शुभ योग।