हेल्दी एंड हाईजेनिक फूड स्ट्रीट प्रोग्राम के तहत पहले चरण में प्रदेश के चार नगर निगम क्षेत्रों में फूड स्ट्रीट को विकसित किया जाएगा, जिसमें मोटे अनाजों से बने खाद्य उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, प्रदेश के राजकीय शिक्षण संस्थानों को ईट राइट इंडिया अभियान से जोड़ा जाएगा। इस अभियान के तहत शिक्षण संस्थानों, महाविद्यालयों एवं विवि में संचालित कैंटीनों में हाईजेनिक फूड प्रणाली विकसित की जाएगी।
इसके लिए विभाग की ओर से प्रशिक्षण की ठोस कार्ययोजना तैयार कर कैंटीन संचालकों काे प्रशिक्षण दिया जाएगा। हेल्दी एंड हाईजेनिक फूड स्ट्रीट प्रोग्राम के तहत पहले चरण में प्रदेश के चार नगर निगम क्षेत्रों में फूड स्ट्रीट को विकसित किया जाएगा, जिसमें मोटे अनाजों से बने खाद्य उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
फार्मासिस्टों की तैनाती सुनिश्चित करने के भी निर्देश
सोमवार को खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हेल्दी एंड हाइजेनिक फूड स्ट्रीट्स कार्यक्रम के तहत प्रदेश के चार नगर निगमों देहरादून (तरला नागल), रुद्रपुर (मुख्य बाजार), नैनीताल (तिकोनिया चौराहा) और हरिद्वार (मायापुर) में फूड स्ट्रीट विकसित की जाएगी।
जिसमें स्थानीय मोटे अनाजों से तैयार भोजन को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार से एक-एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। राज्य में जन औषिधि केंद्रों को बढ़ावा देने के साथ ही मेडिकल स्टोरों पर फार्मासिस्टों की तैनाती सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही राज्य में फार्मा इंडस्ट्री को बढ़ावा के लिए नई कंपनियों की स्थापना के लिए सिंगल विडो सुविधा प्रदान करने को कहा।
बैठक में अधिकारियों ने बताया, वर्ष 2024 में अब तक ड्रग्स के 313 सैंपल लिए गए। इसमें 252 मानकों पर खरे पाए गए, जबकि 64 सैंपल फेल मिले। 14 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जबकि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2023-24 में खाद्य संरक्षा के तहत 1,603 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए थे। इसमें 28 सैंपल असुरक्षित पाए गए।
यात्रा मार्गों पर चलाए गए अभियान के तहत कई खाद्य पदार्थों के 601 सैंपल की जांच की गई, जिसमें 529 असुरक्षित पाए गए। बैठक में अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह जग्गी, संयुक्त निदेशक खाद्य डॉ. आरके सिंह, उपायुक्त एफडीए जीसी कंडवाल, डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. नीरज कुमार, जिला अभिहित अधिकारी पीसी जोशी आदि मौजूद थे।