नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी बी2बी ई-कॉमर्स फर्म उड़ान अपने कुल 1,600 कर्मचारियों में से करीब 120 कर्मियों की छंटनी कर रही है। नकदी के सख्त हालात और वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बीच कंपनी लाभ पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एक सूत्र ने कहा, यह छंटनी इस महीने के आखिर तक होगी और यह खाद्य व गैर-खाद्य डिविजन के विलय से संबंधित हैं। उड़ान ने कहा है कि वह लाभकारी कारोबार बनाने की अपनी यात्रा में खासी प्रगति कर चुकी है और अपने कारोबारी मॉडलों में प्रासंगिक हस्तक्षेप जारी रखे हुए है।
उड़ान के प्रवक्ता ने कहा ‘ऐसे हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप व्यवस्था में कुछ बेकारी नजर आई है। जिम्मेदार संगठन होने के नाते हम प्रभावित कर्मचारियों को जरूरी सहायता मुहैया करा रहे हैं, जिनमें मेडिकल इंश्योरेंस, कंपनी की नीति के मुताबिक मुआवजा पैकेज और प्लेसमेंट में सहायता शामिल है।’
यह घटनाक्रम ऐसे समय में देखने को मिल रहा है जब उड़ान ने हाल में ई-सीरीज की फंडिंग के तहत 34 करोड़ डॉलर जुटाए हैं और यह सौदे की रफ्तार की वापसी का संकेतक भी है। यह एमऐंडजी पीएलसी की अगुआई में हुआ और इसमें मौजूदा इक्विटी निवेशकों लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और डीएसटी ग्लोबल ने भी भागीदारी की।
बेंगलूरु की कंपनी ने हालांकि यह खुलासा नहीं किया कि इस फंडिंग ने उसके मौजूदा 3.1 अरब डॉलर के मूल्यांकन में कोई बदलाव लाया है या नहीं। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते इस बार की फंडिंग शायद मौजूदा मूल्यांकन से कम पर हुई होगी। उड़ान ने कहा कि उसके कारोबार की फंडिंग पूरी है और वह लाभ में आने का अपना मकसद हासिल करने की राह पर है।
पिछले साल नवंबर में उड़ान ने अपने कुल 3,000 कर्मचारियों के 10 फीसदी के बराबर यानी 350 कर्मियों की छंटनी की थी। लागत दक्षता के लिए विभिन्न विभागों में यह कदम उठाया गया था। इससे पहले पिछले साल जून में फर्म ने 180 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था।