वे टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। रविवार को उन्होंने देहरादून में भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया।
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आरक्षित विधानसभा सीट पुरोला में राजेश जुवांठा का कांग्रेस से डेढ़ दशक पुराना नाता रहा है। उनकी मां शांति जुवांठा प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और विकासनगर पालिकाध्यक्ष रह चुकी हैं। 2002 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में शांति जुवांठा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं।
वर्ष 2007 में राजेश को पहली बार कांग्रेस ने पुरोला से टिकट दिया और वह सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। तब राजेश ने मालचंद को हराया था। 2012 में कांग्रेस ने फिर राजेश टिकट दिया, लेकिन इस बार वे तीसरे स्थान पर रहे।
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अब कांग्रेस ने भाजपा के बागी राजकुमार को पुरोला से प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से राजेश नाराज चल रहे थे और रविवार को वे भाजपा में शामिल हो गए। राजेश ने कांग्रेस पार्टी को मुख्यमंत्री हरीश रावत की निजी कांग्रेस बताते हुए पुरोला विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया है।