इस वर्ष गढ़वाल विवि व संबद्ध कॉलेज में सीयूईटी से दाखिलों की अनिवार्यता थी। जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में छात्र इसमें शामिल नहीं हो पाए थे।
गढ़वाल विवि और इससे संबद्ध 102 कॉलेज के लिए विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दाखिलों की नई व्यवस्था बनाई है। पहले इन संस्थानों में सीयूईटी से दाखिले होंगे, इसके बाद बची सीटों के लिए या तो प्रवेश परीक्षा होगी या फिर क्वालिफाइंग परीक्षा (12वीं/ग्रेजुएशन) के अंकों की मेरिट के आधार पर दाखिले दिए जाएंगे।
इस वर्ष गढ़वाल विवि व संबद्ध कॉलेज में सीयूईटी से दाखिलों की अनिवार्यता थी। जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में छात्र इसमें शामिल नहीं हो पाए थे। इस वजह से गढ़वाल विवि में करीब पांच हजार व कॉलेज में करीब 15 हजार सीट खाली रह गईं थीं। छात्र संगठनों के आंदोलन के बीच गढ़वाल विवि ने यूजीसी को पत्र भेजा।
इसके बाद विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में समिति ने मामले पर रिपोर्ट यूजीसी को भेजी। अब यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष आर जोशी ने मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसमें यूजीसी ने माना कि केंद्रीय विवि में इतनी बड़ी संख्या में सीट खाली रहना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि छात्रों के गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा न मिलने की वजह भी है।