उत्तराखंड: केंद्रीय कोटे में कमी से प्रदेश में पैदा हुई बिजली की किल्लत

केंद्रीय कोटे की बिजली में कमी आने से राज्य में बिजली किल्लत पैदा हो गई है। यूजेवीएनएल का उत्पादन तो ठीक है लेकिन केंद्रीय कोटे की आपूर्ति गड़बड़ा गई है। वर्तमान में प्रदेश में 5.4 करोड़ यूनिट के सापेक्ष 3.9 करोड़ यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। बाजार से रोजाना करीब 1.1 करोड़ यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है।

गर्मियों के सीजन में प्रदेश में बिजली की मांग 6.4 करोड़ तक पहुंची, जिसके सापेक्ष यूपीसीएल लगभग पूरी आपूर्ति करने में कामयाब रहा। बरसात आने के साथ राज्य में बिजली की मांग गिरकर 5.4 करोड़ यूनिट तक आ गई लेकिन इसके सापेक्ष बिजली की उपलब्धता भी घटकर 3.9 करोड़ यूनिट तक आ गई। बावजूद इसके यूपीसीएल को रोजाना बाजार से करीब 1.1 करोड़ यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है।

यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है देश में करीब 75 प्रतिशत बिजली उत्पादन कोयला आधारित संयंत्रों से होता है, जो बरसात के दिनों में प्रभावित हो जाता है। उन्होंने बताया कि यूजेवीएनएल से तो करीब दो करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है लेकिन केंद्रीय पूल की बिजली 2.5 करोड़ से घटकर 1.8 करोड़ यूनिट तक आ गई है।

इस वजह से कुल उपलब्धता प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि बावजूद इसके आपूर्ति पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कहीं भी घोषित या अघोषित बिजली कटौती नहीं की जा रही है।

हरियाणा का उधार लौटाने की चुनौती बढ़ी

यूपीसीएल को इस महीने से 40 मेगावाट उधार बिजली हरियाणा को लौटानी है। चूंकि उपलब्धता कम है इसलिए इसके हिसाब से बिजली का उधार लौटाने की भी चुनौती है। हालांकि यूपीसीएल प्रबंधन का कहना है कि इसका इंतजाम भी कर लिया गया है।

 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com