सितंबर महीने ने कोरोना वायरस फैलने के सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। स्थिति ये है कि कुमाऊं में जितने कोरोना संक्रमित मरीज पांच माह में मिले, उससे ज्यादा सिर्फ इकलौते सितंबर में मिल गए। स्थिति ये रही है कि अब तक कुल कोरोना मरीजों के 55 फीसदी मामले एक ही महीने में ही मिल गए है।
इस कारण मरने वालों की संख्या भी सितंबर में तेजी से बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग की अक्तूबर के खतरे को देखते हुए अस्थाई अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए छह माह का लॉकडाउन समय पूरा हो चुका है। मगर सितंबर के आंकड़े बता रहे हैं कि संक्रमण रोकने के सरकार के सभी दावे हवाई साबित हुए हैं।
कुमाऊं में अब तक 17967 संक्रमित छह माह में मिल चुके हैं। मगर एक से 28 सितंबर के बीच 9885 संक्रमित कुमाऊं में मिले हैं। अब तक मिले कुल मरीजों का यह 55% है। एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत के अनुसार संक्रमण निश्चित रूप से बढ़ा है। इसे देखते हुए विभाग जिले में तीन अस्थाई अस्पताल बना रहा है। जहां चार सौ से अधिक ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था होगी। कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए भी ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे जा रहे हैं।
कुमाऊं का हाल
जिला मरीज सितंबर कुल
नैनीताल 2987 5749
यूएसनगर 4477 8317
अल्मोड़ा 931 1495
बागेश्वर 326 600
पिथौरागढ़ 696 1035
चंपावत 468 771
कुल 9885 17967
30 दिन में 83 कोरोना मरीजों की मौत
कोरोना संक्रमण के चलते सितंबर में मरीज भी सबसे ज्यादा मरे। मात्र 30 दिन में 83 लोगों की मौत हो गई। अब तक कुमाऊं में कुल 181 कोरोना संक्रमित लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों को रखा जा रहा है।
रिकवरी दर 65 फीसदी पर
सितंबर में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या काफी अच्छी रही। कुमाऊं में 65 फीसदी कोरोना मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। होम आइसोलेशन सुविधा शुरू होने के बाद बिना लक्षण वाले मरीजों ने ज्यादा राहत महसूस की है। इसके चलते एसटीएच पर भी दबाव घटा है।