उत्तराखंड: दो परिवार स्नान के लिए हरिद्वार आए और बच्चों को छोड़ चल दिए…

दो परिवार स्नान के लिए हरिद्वार आए और बच्चों को छोड़कर चल दिए। दो दिन इंतजार के बाद धर्मशाला प्रबंधक कमेटी के साथ रामकुमार कोतवाली पहुंचे और बच्चों को पुलिस के सुपुर्द किया।

कांवड़ के दौरान जल भरने आए दो परिवारों ने अपने बच्चों को धर्मनगरी में ही छोड़ दिया। एक बुलंदशहर निवासी पिता ने तो निर्ममता की हद कर दी। उसने पत्नी के दूसरे व्यक्ति के साथ चले जाने के कारण अपने तीन बच्चों को धर्मशाला में छोड़ दिया। धर्मशाला के प्रबंधक ने उन्हें कोतवाली पुलिस के सुपुर्द किया।

महाशिवरात्रि पर कांवड़ मेले में देशभर से लोग जल भरने और स्नान के लिए आते हैं। भारी भीड़ के बीच कई अपनों से बिछड़े तो उन्होंने खोया पाया केंद्र से अपनों की तलाश कर ली। इसी बीच दो दंपतियों के बच्चों से बिछड़ने की बात सामने आई। इनमें एक युवक बुलंदशहर सिकंदराबाद से अपने तीन बच्चों के साथ धर्मनगरी पहुंचा। इनमें एक बेटी दस वर्ष, बेटा नौ वर्ष और दूसरी बेटी 8 वर्ष की थी।

युवक ने लखनऊ धर्मशाला में कमरा लिया और महाशिवरात्रि के दिन तीनों बच्चों को धर्मशाला के बाहर छोड़कर फरार हो गया। तीनों बच्चे पिता का इंतजार करने के बाद रोते बिलखते फिर से धर्मशाला पहुंचे। यहां पर प्रबंधक रामकुमार ने पूछा तो बच्चों ने पिता से बिछड़ने की बात बताई। दो दिन इंतजार के बाद धर्मशाला प्रबंधक कमेटी के साथ रामकुमार कोतवाली पहुंचे और बच्चों को पुलिस के सुपुर्द किया।

वहीं, हरकी पैड़ी गंगा घाट पर बिहार निवासी दंपती दो वर्ष के बच्चे लेकर मुंडन कराने आए। इसी बीच बच्चा गुम हो गया। श्रमिक परिवार बच्चे के लापता होने के बाद चुपचाप रेलवे स्टेशन चला गया। लेकिन फिर से तलाश किया तो हरकी पैड़ी निवासी कालू वर्मा ने बच्चे को पुलिस की सुपुर्दगी में दे दिया था। यहां से दंपती बच्चे को अपने साथ ले गए।

मां ने पति को छोड़ा तो पिता ने छोड़ दिए बच्चेबुलंदशहर से हरिद्वार आए युवक को उसकी पत्नी ने दो साल पहले छोड़ दिया। वह सिकंदराबाद निवासी एक युवक के साथ हरिद्वार चली आई। बड़ी बेटी का कहना है कि उसकी मां गंगा घाट पर दिखी थी, लेकिन पिता से नहीं मिली। बच्चों ने भी उससे मनुहार की, लेकिन वह नहीं मानी। इस पर उसके पिता ने उन्हें लावारिस हाल में छोड़ दिया। वहीं, कोतवाली पुलिस का कहना है कि बच्चों की मां को बुलाया गया है। पिता को भी जल्द ही आने के लिए कहा गया है। आपसी समझौते के आधार पर बच्चों को उनके सुपुर्द किया जाएगा।

घाटों पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को शिक्षा दिलाएगा ट्रस्ट

गिरवर नाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट ने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों को शिक्षित करने का फैसला किया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल खड़का ने कहा कि घाटों पर भिक्षा मांगने वाले कई गरीब परिवार बच्चों को पढ़ाने के बजाय भिक्षा मांगने के कार्य में लगा देते हैं, जो बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ट्रस्ट की ओर से ऐसे बच्चों का सर्वे कराकर उनकी शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com