उत्तराखंड: निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए बनेगी नीति

कैबिनेट बैठक में निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए नीति बनाने का फैसला लिया गया। नगरीय परिधि में गोसदनों का निर्माण एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना शहरी विकास विभाग के तहत आता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायती राज विभाग के तहत है।

प्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए नीति बनेगी। कैबिनेट में इसके प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह भी निर्णय लिया गया कि शहरी क्षेत्रों में शहरी विकास और ग्रामीण में पंचायती राज विभाग गोसदनों का निर्माण करेगा।

कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कहा गया कि भारतीय संविधान की 11वीं एवं 12वीं अनुसूची की व्यवस्था के अनुसार नगरीय परिधि में गोसदनों का निर्माण एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना शहरी विकास विभाग के तहत आता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायती राज विभाग के तहत है।

नगरीय परिधि में निराश्रित गोवंश के लिए गोसदनों की स्थापना एवं आवश्यक सुविधाएं शहरी विकास विभाग उपलब्ध कराएगा। जबकि नगरीय परिधि से बाहर निराश्रित गोवंश के लिए गोसदनों की स्थापना एवं आवश्यक सुविधाएं पंचायती राज विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।

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