फूलों की घाटी पर्यटकों की घूमने के लिए पहली पसंद रहती है। हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। सुबह सात बजे पर्यटकों का पहला दल घाटी के अंतिम पड़ाव घांघरिया से रवाना हआ। घाटी खुलने के पहले दिन 45 ऑफलाइन एवं चार ऑनलाइन पंजीकरण कर पर्यटक पहुंचे। अभी तक 49 लोग गए हैं।
फूलों की घाटी पर्यटकों की घूमने के लिए पहली पसंद रहती है। यहां हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। घाटी को हर साल एक जून को पर्यटकों की आवाजाही के लिए खोला जाता है और 31 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाता है।
इस बार भी तय समय पर रविवार एक जून से फूलों की घाटी में आम लोगों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। घाटी में बर्फ पिघलने के बाद फूलों का खिलना शुरू हो जाता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी तादात में पर्यटक आते हैं।
घाटी में 350 से अधिक फूल जुलाई-अगस्त में खिलते हैं। यह घाटी का पीक समय होता है। पूरे सीजन यहां 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं।
फूलों की घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि रविवार सुबह सात बजे घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। घाटी में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी गई हैं।
बर्फबारी में टूटे रास्तों की मरम्मत के साथ वहां बहने वाले गदेरों में अस्थायी पुलिया भी बना ली गई हैं। इस साल फूलों की घाटी में आने वालों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था की गई है।