उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत पर हो रहे भूस्खलन का टीएचडीसी सहित जीएसआई और यूएलएमएमसी के विशेषज्ञों ने विस्तृत सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। आज शनिवार को गोफियारा भूस्खलन क्षेत्र के सर्वे के लिए सर्वेक्षण टीम के साथ आपदा प्रबंधन के मास्टर ट्रेनर, ड्रोन ऑपरेटर एवं एसडीआरएफ के सदस्य वरुणावत पहाड़ी रवाना हो गए हैं।
शुक्रवार को टीम के सदस्यों ने वरुणावत पर्वत के ठीक सामने स्थित कुटेटी देवी क्षेत्र और पर्वत की तलहटी में पहुंचकर भूस्खलन का जायजा लिया। यह टीम भूस्खलन के कारण और निवारण पर अपनी रिपोर्ट देगी।
बीते 27 अगस्त से वरुणावत पर्वत से लगे गोफियारा व जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी से भूस्खलन सक्रिय हुआ है। जिससे बारिश में रुक-रुककर बोल्डर गिर रहे हैं। जिला प्रशासन के अनुरोध पर शासन ने टीएचडीसी को इसका सर्वेक्षण करने का जिम्मा दिया है।
शुक्रवार को टीएचडीसी(टि्हरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के साथ ही जीएसआई(भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण) व यूएलएमएमसी(उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र) के विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे। टीम ने दूरबीन की मदद से कुटेटी देवी क्षेत्र से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।
शनिवार को पर्वत के शीर्ष पर पहुंचकर सर्वेक्षण करने के लिए टीम रवाना हो गई है। जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट के साथ बैठक में सर्वेक्षण टीम में शामिल विशेषज्ञों ने प्रारंभिक सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दी।
इस दौरान डीएम ने विशेषज्ञों ने भूस्खलन के कारण एवं निवारण के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने की बात कही, जिससे आबादी की सुरक्षा के लिए कारगर कदम उठाए जा सकें।
टीम में यूएलएमएमसी की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक रूचिका टंडन, डिजाइन इंजीनियर पंकज उनियाल, जीएसआई की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नेहा कुमारी, टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबंधक जेआर कोठारी, स्ट्रक्चरल इंजीनियर विनय पुरोहित शामिल हैं।