हालांकि कांग्रेस ने 17 फीसदी ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 14 फीसदी भाजपा प्रत्याशी भी गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में चुनाव लड़ रहे कुल 637 में से 91 (14 फीसदी) उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
भाजपा ने 19 (27 फीसदी) कांग्रेस ने 17 (24 फीसदी) बसपा ने 69 में से सात (10 फीसदी), उक्रांद ने 55 में से चार (सात फीसदी), सपा ने 20 में से दो (10 फीसदी) दागियों को चुनाव मैदान में उतारा है।
निर्दलीय चुनाव लड़ रहे 261 में से 32 (12 फीसदी) पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के 12 (17 फीसदी), भाजपा के 10 (14 फीसदी), बसपा के छह (नौ फीसदी), उक्रांद के तीन (छह फीसदी), सपा के दो (10 फीसदी) और 14 (पांच फीसदी) निर्दलीय गंभीर आपराधिक मामले झेल रहे हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, पांच-पांच उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302), हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) और महिलाओं पर अत्याचार संबंधित मामलों की घोषणा की है।
दागी प्रत्याशियों के मामले में देहरादून का धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र टॉप पर है। यहां चुनाव लड़ रहे 19 में से पांच उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। रायपुर व हरिद्वार ग्रामीण से चार-चार और मसूरी, बीएचईएल रानीपुर, रुद्रपुर, नरेंद्रनगर, जसपुर, गदरपुर और ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से तीन-तीन दागी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।