उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पलायन के बावजूद भी उत्तराखंड के प्रवासी राज्य के लिए अपना योगदान देते रहे हैं। अब जो प्रवासी अपने राज्य वापस आ रहे हैं, सरकार उनके रोजगार और स्वरोजगार के लिए नीति निर्धारित कर व्यवस्था बनाने के लिए तत्पर है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सोमवार को टिहरी क्रांति के जननायक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्रीदेव सुमन की जयंती पर कोरोना महासंकट के चलते उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों के नाम गढ़वाली में पत्र लिखकर एक अपील की। अपील में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का मूल मंत्र भी स्वरोजगार को बढ़ावा देकर स्वराज लाना है। प्रधानमंत्री का आर्थिक पैकेज किसान, श्रमिक, कुटीर, लघु और सभी प्रकार के उद्योग धंधों में रचनात्मक कार्यो के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को सुनहरा भविष्य बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है।
उन्होंने अपील में आगे कहा कि ग्राम्य विकास, पर्यावरण, कृषि, जल, जंगल, जमीन, पर्यटन, तीर्थाटन, साहसिक पर्यटन आदि संसाधनों के जरिये हम स्वरोजगार की ओर बढ़ सकते हैं। इस वक्त प्रवासियों को स्वरोजगार दिलाने के लिए विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला स्वयं सहायता समूह एवं अन्य संगठनों के सहयोग की सबसे अधिक आवश्यकता है। उन्होंने प्रवासियों से उम्मीद जताई कि विभिन्न राज्यों में उनके द्वारा लिए गए अनुभव और उनकी प्रतिभा का लाभ उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास के लिए अवश्य मिलेगा। उन्होंने प्रवासियों से क्वारंटाइन में रहकर सरकार द्वारा दिए निर्देशों का पालन करने का भी आग्रह किया।
पेयजल निगम और जल संस्थान के एकीकरण पर जल्द लें फैसला: सीएम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेयजल निगम व जल संस्थान के एकीकरण के संबंध में जल्द फैसला लेने को कहा है। कहा कि अधिकारी यह तय कर लें कि यह व्यवस्था की जानी है या नहीं। इस पर जल्द ही कर्मचारी संगठनों संग विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाए।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेयजल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने गर्मियों के मद्देनजर पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बस्तियों और स्थानों में पेयजल संकट रहता है उन्हें चिह्नित कर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। हर घर नल से जल योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना है। इसके लिए अभी से पूरी कार्ययोजना बना ली जाए। जल निगम व जल संस्थान के अधिकारी समन्वय से कार्य करें। लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके, इसके लिए सुनियोजित तरीके से काम करने के लिए कार्यकुशलता में सुधार लाया जाए।
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