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संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के प्रवक्ता ने कहा कि सोमवार देर शाम (भारतीय समयानुसार मंगलवार सुबह) को यह बैठक अपेक्षित है। माना जा रहा है कि उत्तरी कोरिया द्वारा किया जाने वाला यह प्रतिबंधित परीक्षण संभवतया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देने के मकसद से किया गया है, क्योंकि ट्रंप ने प्योंगयांग में इस तरह के परीक्षणों पर सख्त रुख अपनाया था।उत्तर कोरिया की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस परीक्षण के दौरान देश के नेता किम योंग उन खुद वहां पर मौजूद थे। इस बीच प्योंगयांग से कहा गया है कि उसका मकसद परमाणु हथियारों से पीछे हटने का कतई नहीं है।
ट्रंप को चुनौती देने के लिए कोरिया ने किया बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट
अमेरिका में शिंजो अबे और ट्रंप की मुलाकात में भी उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की चर्चा प्रमुखता से हुई। ट्रंप ने जापान को अमेरिका का सच्चा भागीदार बताते हुए पूरा समर्थन देने की बात कही। इसके बाद अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तुरंत बैठक बुलाकर मिसाइल परीक्षण पर बातचीत करने की अपील की।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालाय ने मिसाइल टेस्ट को ‘सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का सीधा उल्लंघन’ बताते हुए कहा कि यह कोरियाई प्रायद्वीप और समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी खतरा है।
बीजिंग। चीन ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण का विरोध किया और संबंधित पक्षों से संयम तथा क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की अपील की। चीन ने इस परीक्षण की निंदा करते हुए दावा किया कि यह परीक्षण अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ विवादों के मद्देनजर हुए हैं।समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुनाग ने कहा है कि उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने तथा क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की अपील की है।