कुशीनगर के खड्डा इलाके में बुधवार सुबह नारायणी नदी में महिला मजदूरों से भरी नाव पलट गई। नाव पर सवार नौ महिलाओं समेत सभी 10 लोग डूब गए। नदी में मछली मार रहे मछुआरों ने सात को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जबकि तीन युवतियां लापता हो गईं। घटना की सूचना मिलते ही जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।
एक घंटे बाद मिली युवतियों की लाशें
एक घंटे की मशक्कत के बाद तीनों का शव मिला। इसकी जानकारी होते ही गांव में चीख पुकार मच गई। नाव पर सवार महिला मजदूर नदी उस पार गेहूं की कटाई करने जा रहीं थीं।
मौके पर पहुंचे डीएम, एसपी व विधायक
डीएम, एसपी व विधायक ने मौके पर पहुंच घटना की जानकारी ली। पुलिस शवों को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना का कारण नाव में छेद होना बताया जा रहा है।
नारायणी उस पार गेहूं की कटाई करने जा रही थीं महिलाएं
बताया जा रहा है कि गांव बोधी छपरा निवासी मिश्री निषाद का नारायणी नदी उस पार गांव बलुइया रेता में खेत है। खेत में गेहूं की फसल तैयार है। छितौनी के टोला पथलहवा निवासी नौ महिला मजूदरों संग सुबह आठ बजे वह गेहूं की कटाई कराने नाव से नदी उस पार जा रहे थे। बीच नदी में नाव में छेद के चलते पानी भर जाने से अचानक पलट गई। इससे सवार सभी डूबने लगे। यह देख नदी किनारे मछली मार रहे आधा दर्जन मछुआरे साहस दिखाते हुए नदी में कूद गए और डूबते लोगों में 16 वर्षीय कुमकुम, 55 वर्षीय सुरमा देवी, 16 वर्षीय हुस्नआरा, 16 वर्षीय रबिया, 18 वर्षीय नूरजहां, 16 वर्षीय गुलशन निवासी पथलहवा तथा 45 वर्षीय मिश्री निषाद सहित सात को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
इनकी हुई मौत
काफी तलाश के बाद भी 18 वर्षीय गुड़िया, 35 वर्षीय आसमां व 18 वर्षीय सोनिया निवासी पथलहवा का पता नहीं चला। एक घंटे की मशक्कत के बाद नदी के बीच शैवाल में फंसे तीनों का शव मिला। शव बरामद होने की खबर मिलते ही गांव में चीख-पुकार मच गई। अधिक संख्या में गांव के लोग नदी किनारे एकत्रित हो गए। पंचानामा बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया।
डीएम एस राजलिंगम, एसपी सचिन्द्र पटेल, विधायक विवकेनंद पाण्डेय ने घटनास्थल पर पहुंच जानकारी ली। गांव के लोगों ने बताया कि मृतकों में आसमां व गुड़िया एक ही परिवार की थीं।
नाव में छेद देख महिला मजदूरों ने बैठने से किया था इन्कार
कहा जा रहा है कि नदी उस पार जाने के लिए सभी नौ महिला मजदूरों ने नाव में छेद देख बैठने से इन्कार कर दिया था। मगर खेत के मालिक मिश्री ने कुछ नहीं होने की बात कह सभी को नाव में बैठने को कहा। नाव बीच नदी में पहुंची तो फिर वही हुआ जिसकी महिला मजूदरों की आशंका जताई थी।
नदी में नाव चलाने की नहीं है अनुमति
डीएम एस राजलिंगम ने बताया कि नदी में नाव चलाने की अनुमति नहीं है। नाव मछुआरों की बताई जा रही। मामले की जांच के आदेश एसडीएम को दिए गए हैं। जांच के आधार पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।