मेरठ में आज से शुरू भाजपा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति के मकसद तो कई हैं लेकिन, मुख्य निशाने पर 2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव है। इससे पहले लखनऊ में लगातार तीन दिन तक अति पिछड़ी जातियों को साधने के बाद भाजपा अब मेरठ की इस कार्यसमिति में भी अपने दलित-पिछड़े एजेंडे को धार देगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी के प्रभाव को देखते हुए भाजपा ने दलितों को साधने पर जोर दिया है। कैराना और नूरपुर के उपचुनाव में मिली पराजय और मेरठ नगर निगम के चुनाव में बसपा की जीत ने दलितों को लेकर भाजपा को सजग कर दिया है। भाजपा ने दलितों को तरजीह देने के लिए ही सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मातादीन बाल्मिकी के नाम पर बने परिसर को कार्यसमिति की बैठक के लिए चुना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गैर जाटव दलितों में बाल्मिकी समाज का प्रभाव है और मातादीन के प्रति इस समाज में गौरव का भाव है।
ध्यान रहे कि राजधानी में सरकार और संगठन के समन्वय से मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को तीन दिनों तक प्रजापति, राजभर और नाई समाज के प्रतिनिधियों का सम्मेलन हुआ। कार्यसमिति में भी पिछड़ों और दलित नेताओं को तरजीह मिलेगी। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। इस कार्यसमिति में ही विकास यात्रा और अन्य कार्यक्रमों पर मुहर लगेगी। दलितों और पिछड़ी जातियों की बड़ी रैली आयोजित करने की भी योजना है। संभव है कि मेरठ या आसपास के जिलों में कार्यसमिति के बाद दलितों की रैली आयोजित की जाए।