कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्ट्रेन के बेतहाशा गति पकडऩे के बीच में लोगों की तेजी से सांसे उखड़ रही हैं। इस बीच में सूबे की राजधानी लखनऊ के साथ ही अन्य महानगरों में भी ऑक्सीजन का आपातकाल है। इतना ही नहीं प्रदेश में टैक्नीशियन्स के संक्रमित होने के कारण अब आरटीपीसीआर टेस्ट भी नहीं हो रहा है।
योगी आदित्यनाथ सरकार के तमाम बड़े आश्वासन के बाद भी महानगर के साथ ही कस्बों में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। लखनऊ, झांसी, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी, गोंडा तथा मेरठ में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। अलीगढ़ और कन्नौज में मरीज दम तोड़ रहे हैं। हजारों एंबुलेंस भी बिना ऑक्सीजन के दौड़ रही हैं। प्रदेश के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी कमी है। प्रयागराज के कई अस्पतालों में कल से ऑक्सीजन नही है। प्रयागराज के साथ कौशांबी व नैनी में डॉक्टर ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं। यहां पर प्राइवेट अस्पताल से मरीज जिला अस्पताल जा रहे हैं।
मेयो लखनऊ में भी ऑक्सीजन खत्म: लखनऊ के मेयो हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन समाप्त हो गई है। यहां पर अस्पताल प्रबंधन ने गेट पर नोटिस भी चिपका दिया है। बुधवार को लखनऊ के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है। मेयो हॉस्पिटल से कोरोना संक्रमितों को लौटाया जा रहा है। अब तो हॉस्पिटल में भर्ती अन्य मरीजों की भी जान संकट में है। मेयो हॉस्पिटल प्रबंधन ने ऑक्सीजन खत्म होने के कारण पल्ला झाड़ लिया है।
सीतापुर में कालाबाजारी: सीतापुर के जिला अस्पताल के साथ ही निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। यहां पर ऑक्सीजन न मिलने से मरीजों की मौत हो रही है। जिले में ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी हो रही है। 300 रुपये का छोटा वाला सिलेंडर 600 रुपये में बेचा जा रहा है। यहां पर 600 रुपये का ऑक्सीजन सिलेंडर 1200 रुपये में बेचा जा रहा है।
हालत में कोई सुधार नहीं: फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ के मोहल्ले शीशमबाग निवासी आसिफ की पांच दिन पहले तबियत बिगड़ी थी। कन्नौज में तैनात एमओआईसी भाई ने उसका इलाज किया, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
इस पर निजी स्तर पर 14 हजार रुपये में आक्सीजन सिलिंडर लिया। बुधवार को वह डॉ. राममनोहर लोहिया जिला चिकित्सालय में कोरोना की जांच कराने के लिए आए थे। वहां उनकी गंभीर हालत देख उन्हें लोहिया अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया गया।
कानपुर में भी ऑक्सीजन की किल्लत : कानपुर में भी ऑक्सीजन की किल्लत बरकरार है। यहां पर अस्पताल वालों ने तीमारदारों को ही खाली सिलेंडर थमा दिया है। उनसे बोला गया है कि बोला गया है कि जाकर खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर भराओ। यहां पर अस्पताल वालों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। तीमारदार यहां पर ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। तीमारदार खाली सिलेंडर लेकर स्कूटी व बाइक से घूम रहे हैं।
ताजनगरी आगरा में भी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर पूरी तरह खत्म हो गए हैं। यहां पर 450 एंबुलेंस में अब ऑक्सीजन नहीं है। मोदीनगर के आईनोक्स प्लांट ने आगरा की स्पलाई बंद कर दी है। जिससे कि मरीजों की जान पर खतरा बढ़ गया है। यहां पर सरकार के साथ ही निजी एंबुलेंस के पास भी ऑक्सीजन नहीं है। अब यहां पर गंभीर रूप से बीमार लोगों की दूसरे जिलों में भी शिफ्टिंग रुकी है।
मेरठ में हापुड़ रोड पर स्थित संतोष हॉस्पिटल में मंगलवार देर रात ऑक्सीजन खत्म हो गई। इसके बाद पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने 11 मरीजों को शिफ्ट करने की व्यवस्था शुरू दी। रात दो बजे तक हॉस्पिटल से कोरोना संक्रमित मरीजों को एनसीआर मेडिकल कालेज और सुभारती मेडिकल कालेज में शिफ्ट करने का काम प्रारंभ किया गया। डीएम के.बालाजी ने बताया कि कुछ मरीजों को आपात स्थिति में शिफ्ट किया गया है। अब देर रात ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। मेरठ में सुबह से ही मेरठ में ऑक्सीजन को लेकर मारामारी की स्थिति थी। डीएम ने कुछ गंभीर मरीजों को शिफ्ट किए जाने की पुष्टि की।
RTPCR जांच को लेकर भी मारामारी : प्रदेश में अब आरटीपीसीआर जांच को लेकर भी मारामारी है। लखनऊ में भी हालत बेहद खराब है। यहां प्राइवेट लैब में जांच कराने को लेकर लूट मची है। आरटीपीसीआर जांच के नाम पर 1400 से लेकर 2800 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। सरकार के छूट देने के बाद से यहां पर प्राइवेट अस्पताल व प्राइवेट लैब ने लूट मचा दी है। कोरोना की जांच कराने के लिए लोग प्रदेश में अब दर-दर भटक रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल तथा लैब लोगों की गंभीर स्थिति का लान लेने में लगे हैं।