2017 की एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, उन्नाव रेप पीड़िता की उम्र घटना के वक्त 19 साल से अधिक थी. एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है. ये रिपोर्ट उस दावे को खारिज करती है कि पीड़िता का जन्म 2002 में हुआ है और इस हिसाब से घटना के वक्त उसकी उम्र 16 साल से कम थी. 
हालांकि, सीबीआई ने भी मेडिकल जांच कराया है और रिजल्ट आने के बाद स्थिति और साफ हो पाएगी. अगर सीबीआई 2017 की रिपोर्ट पर सहमति जताती है तो रेप के मामले में पॉक्सो एक्ट हटाना पड़ेगा.
पीड़िता के नाबालिग रहने की स्थिति में ही पॉक्सो एक्ट लगाया जाता है. फिलहाल बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
एचटी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस द्वारा रिकवर करने के दो दिन बाद 22 जून 2017 को पीड़िता की पहली मेडिकल जांच हुई थी. उन्नाव के जिला अस्पताल में डॉ. एसके जौहरी ने जांच की थी.
उस वक्त पुलिस ने 3 लोगों को रेप और किडनैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. तब आरोपियों पर पॉक्सो नहीं लगाया गया था.
डॉ. जौहरी ने कहा- ‘तब कांस्टेबल रूबी सिंह लड़की को लेकर आईं थीं. तब सीएमओ ने मेडिकल एग्जामिनेशन करने को कहा था. उसके कई एक्सरे किए गए थे और हड्डियों के विकास के आधार पर मैंने उसकी उम्र 19 साल से अधिक बताई थी. मैं अपनी जांच पर आज भी कायम हूं.’
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उत्तरप्रदेश के उन्नाव में रेप की वारदात से पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इन मामलों में सख्त कार्रवाई के लिए जगह-जगह धरने प्रदर्शन किए गए हैं.
रविवार को सिविल सोसायटी समेत तमाम लोग इन घटनाओं के विरोध में दिल्ली के जंतर- मंतर इलाके में प्रदर्शन करने उतरे थे.
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