उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष पार्टी ने महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को अपने उम्मीदवार के रूप में उतारने का फैसला किया है. राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के सामने पिछड़ने के बाद विपक्ष के लिए यह चुनाव काफी अहम हो जाता है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के बीच उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को खूब मंथन हुई. इस दौरान एक मजेदार वाकया भी देखने को मिला, जब बैठक में मौजूद नेता जेडीयू नेता शरद यादव की बात पर लेकर चुटकी लेते दिखे.
राहुल से बात करने के बाद नीतीश ने दिया गोपालकृष्ण को समर्थन का भरोसा
हुआ दरअसल यूं कि शरद यादव जब बैठक में बोलने आए तो सभी उनको गंभीरता से सुनने लगे. शरद ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर देश में सभी दलों को एक साथ मिलकर आंदोलन करना चाहिए.
उनकी इस बात पर सभी ने सहमति तो जताई, लेकिन तभी जेडीयू नेता के बगल में बैठे तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चुटकी लेते हुए राहुल गांधी के कान में कहा कि ये इनकी निजी राय है या जदयू की…
फिर क्या था हल्के माहौल में राहुल ने यह बात बगल में बैठे सीताराम येचुरी तक पहुंचा दी और येचुरी ने यह बात सार्वजनिक कर दी. इस शरद थोड़ा उखड़ते दिखे और जवाब दिया, ‘किसानों का मामला है, नीतीश और पार्टी सब साथ हैं.’
कुल मिलाकर नीतीश का राष्ट्रपति चुनाव से लेकर बाकी सियासी मामलों पर शरद यादव को किनारे करना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है. इसे लेकर अब उनके साथी भी मज़ाक करने लगे हैं.
हालांकि, इस हंसी मजाक के दौर के बाद इन 18 विपक्षी दलों ने तय किया कि उनकी ये लड़ाई 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए है और वह इस पर रणनीति बनाने के लिए हर महीने मिला करेंगे.
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