उप्र पुलिस आरक्षी व दारोगा भर्ती की दौड़ परीक्षा के चौथे व अंतिम दिन शनिवार को एक के बाद एक 16 अभ्यर्थी बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां बागपत के थाना रमाला क्षेत्र के गांव खंडेरा के अंकुर अहलावत उर्फ अंकित (26) की मौत हो गई। बाकी सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अंकुर मेरठ की छठवीं बटालियन पीएसी में सिपाही था। वह दारोगा भर्ती में हिस्सा लेने आया था। उसके किसान पिता रामवीर सिंह की चार साल पहले ही मौत हो चुकी है। इकलौता बेटा ही मां व बहन पायल का सहारा था। दौड़ परीक्षा 38वीं वाहिनी पीएसी के मैदान में चार जुलाई को शुरू हुई थी। अभ्यर्थियों को पांच किमी की दौड़ अधिकतम 28 मिनट में पूरी करनी थी। तीन दिन ठीक से बीते। आखिरी दिन खलबली तब मची, जब शनिवार सुबह नौ बजे शुरू हुई तीसरी पाली की दौड़ में उमस व गर्मी से पस्त अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ने लगी।

उप्र की पुलिस भर्ती दौड़ में 16 अभ्यर्थी बेहोश, एक की मौत

उप्र पुलिस आरक्षी व दारोगा भर्ती की दौड़ परीक्षा के चौथे व अंतिम दिन शनिवार को एक के बाद एक 16 अभ्यर्थी बेहोश हो गए।उप्र पुलिस आरक्षी व दारोगा भर्ती की दौड़ परीक्षा के चौथे व अंतिम दिन शनिवार को एक के बाद एक 16 अभ्यर्थी बेहोश हो गए।  आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां बागपत के थाना रमाला क्षेत्र के गांव खंडेरा के अंकुर अहलावत उर्फ अंकित (26) की मौत हो गई।  बाकी सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अंकुर मेरठ की छठवीं बटालियन पीएसी में सिपाही था। वह दारोगा भर्ती में हिस्सा लेने आया था।  उसके किसान पिता रामवीर सिंह की चार साल पहले ही मौत हो चुकी है। इकलौता बेटा ही मां व बहन पायल का सहारा था। दौड़ परीक्षा 38वीं वाहिनी पीएसी के मैदान में चार जुलाई को शुरू हुई थी।  अभ्यर्थियों को पांच किमी की दौड़ अधिकतम 28 मिनट में पूरी करनी थी। तीन दिन ठीक से बीते।  आखिरी दिन खलबली तब मची, जब शनिवार सुबह नौ बजे शुरू हुई तीसरी पाली की दौड़ में उमस व गर्मी से पस्त अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ने लगी।

आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां बागपत के थाना रमाला क्षेत्र के गांव खंडेरा के अंकुर अहलावत उर्फ अंकित (26) की मौत हो गई।

बाकी सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अंकुर मेरठ की छठवीं बटालियन पीएसी में सिपाही था। वह दारोगा भर्ती में हिस्सा लेने आया था।

उसके किसान पिता रामवीर सिंह की चार साल पहले ही मौत हो चुकी है। इकलौता बेटा ही मां व बहन पायल का सहारा था। दौड़ परीक्षा 38वीं वाहिनी पीएसी के मैदान में चार जुलाई को शुरू हुई थी।

अभ्यर्थियों को पांच किमी की दौड़ अधिकतम 28 मिनट में पूरी करनी थी। तीन दिन ठीक से बीते।

आखिरी दिन खलबली तब मची, जब शनिवार सुबह नौ बजे शुरू हुई तीसरी पाली की दौड़ में उमस व गर्मी से पस्त अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ने लगी।

 
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