बिना उबाले दूध को कच्चा पीने का चलन काफी साल पुराना है। ऐसा लगभग 20वीं शताब्दी तक चला। इसे तक तब सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता था, जब तक गाय अपनी नेचुरल डाइट घास खाती थी। हालांकि, बदलते समय के साथ गायों का खानपान और उनका दूध दोनों मिलावट वाला होने लगा, जिसकी वजह से वर्तमान में दूध को उबालकर पीना भी सुरक्षित माना जाने लगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कच्चा दूध सेहत के लिए हानिकारक होता है।
दूध को कच्चा पीने से सेहत को ढेरों फायदे मिलते हैं। यह बेहद स्वादिष्ट होने के साथ ही काफी पौष्टिक भी होता है। कच्चे दूध में एक्टिव एंजाइम पाए जाते हैं, बायो अवेलेबल विटामिन और मिनरल होते हैं। इसके फैटी एसिड रेशियो फायदेमंद होते हैं। इसमें बायो डाइवर्स और फायदेमंद बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो ये लैक्टोज को पचने में मदद करता है।
कच्चे दूध के फायदे
- ये एंटीबायोटिक के साइड इफेक्ट को ठीक करने में मदद करता है।
- कच्चे दूध में गट हेल्दी प्रोबायोटिक और एंजाइम पाए जाते हैं।
- इसमें हेल्दी फैट मौजूद होता है।
- ये पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जैसे विटामिन ए, मैग्नीशियम, जिंक, थियामिन आदि।
- हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए इसमें कैल्शियम, विटामिन डी, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम पाया जाता है।
- कच्चा दूध लैक्टोज इंटोलेरेंस को बढ़ावा नहीं देता है, बल्कि लैक्टोज के पाचन में मदद करता है।
- इसमें क्वालिटी प्रोटीन पाया जाता है, जिसमें सभी 9 एसेंशियल अमीनो एसिड मौजूद होते हैं।
- कच्चा दूध अस्थमा और एलर्जी से भी बचाता है।
पाश्चाराइजेशन प्रक्रिया के नुकसान
पाश्चाराइजेशन प्रक्रिया से दूध को स्टेरलाइज किया जाता है, जिसमें प्रोटीन को डिनेचर कर दिया जाता है और कई मिनरल भी इस दौरान खत्म हो जाते हैं। डिनेचर किए गए प्रोटीन को पचाने में समस्या होती है। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अगर घास खिलाई गई हेल्दी गाय का दूध कच्चा पिया जाए, तो ये कई मायने में लाभकारी होता है।