नई दिल्ली: सीरियल रेपिस्ट को फांसी हो सकती है। कानून के मुताबिक रेप मामले में दोषी को अगर दोबारा रेप में दोषी पाया जाता है तो उसे उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है। निर्भया कांड के बाद कानून में यह बदलाव किया गया है।
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दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद लोगों के गुस्से को देखते हुए नया एंटी रेप लॉ बना। इसी नए कानून के तहत मुंबई शक्ति मिल गैंगरेप में मुजरिमों को दोबारा रेप के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी। 16 दिसंबर गैंगरेप के मामले में मुजरिमों को हत्या के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी, जबकि रेप के लिए तब के कानून के तहत उम्रकैद की सजा दी गई। नए कानून के बाद दोबारा रेप में दोषी मुजरिम के लिए फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
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साथ ही महिला के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के लिए उसके शरीर को उस तरह से मैनुपुलेट किया जाता है तो वह भी रेप के दायरे में होगा। महिला की इच्छा या सहमति के बिना किया गया ऐसी कोई भी हरकत रेप के दायरे में होगा। महिला की उम्र अगर 18 साल से कम है और उसकी सहमति भी है तो भी वह रेप होगा।