लखनऊ। शास्त्रीय नृत्य संगीत प्रेमियों ने आज कथक की बैठकी भाव प्रस्तुतियों का आनन्द आॅनलाइन लिया। डा.कुमकुम धर ने चुनिंदा रचनाओं को खूबसूरत भंगिमाओं में और भावों में वाल्मीकि रंगशाला गोमतीनगर के मंच पर प्रस्तुत किया। अवसर था लास्य संम्राट लच्छू महाराज की जयंती के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी कथक केन्द्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक कार्यक्रम नमन की पहली संध्या का।
संचालन करते हुए स्वाति श्रीवास्तव ने बैजनाथ मिश्र उर्फ लच्छू महाराज के कृतित्व और नृत्यांगना कुमकुम धर का परिचय कराया। कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप ज्योति प्रज्ज्वलन के साथ कथकाचार्य की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। इस अवसर पर कथक केन्द्र के निदेशक व अकादमी सचिव तरुण राज ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि कथक के विशिष्ट अंग बैठकी भाव पर केन्द्रित सम्भवतः यह पहला समारोह होगा। हमारे कथक केन्द्र के संस्थापक निदेशक को यह हमारी विशेष श्रद्धांजलि होगी। पं.लच्छू महाराज का भाव, अभिनय, लास्य में कोई सानी नहीं था। साथ ही वह बैठकी भाव के भी माहिर थे।
यशभारती व अकादमी सम्मान से अलंकृत बादामी वेश में नारंगी दुपट्टे के साथ उतरी कथक गुरु की प्रमुख शिष्या डा.कुमकुम धर ने गुरु जयंती की पूर्वसंध्या पर नम आंखों से गुरु का स्मरण करते हुए प्रारम्भ शिव वंदना – वंदे देव उमापतिम्….. से किया। बैठकी भाव में उन्होंने बिंदादीन की दादरा रचना- छोड़ो-छोड़ो बिहारी….. में मुख के भावों, आंखों व उपांगों और हस्तकों से छेड़छाड़ के भावों, रूठने-मनाने को बेहद बारीकी से प्रस्तुत किया। अगली प्रस्तुति फैज अहमद फैज की गजल – रंग पैराहन का खुशबू जुल्फ लहराने का नाम…… में नृत्यांगना की अदायगी के अलग आयाम नजर आए। इन रिकाॅर्डेड संगीत वाली प्रस्तुतियों को मंच पर उभरने में धर्मनाथ मिश्र व रवि नागर की उत्कृष्ट गायकी का साथ मिला। वाद्यों में तबले पर रविनाथ मिश्र व अरुण भट्ट, सितार पर मनमोहन शर्मा व सारंगी पर विनोद मिश्र थे।
नमन कार्यक्रम के दूसरे दिन कल अपराह्न तीन बजे नृत्यांगना सुरभि सिंह के साथ ही अकादमी कथक केन्द्र की आॅनलाइन जीवंत प्रस्तुतियां होंगी। बाद में इन प्रस्तुतियों को संपादित कर अकादमी के यू-ट्यूब चैनल पर भी डाला जायेगा।