भारत को लेकर पाकिस्तान के सुर अचानक बदले बदले नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के बाद पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने भी भारत को लेकर बयान जारी किया है। पाकिस्तान ने भारत को शांति का पैगाम भेजा है। पाकिस्तान उच्चायोग के चार्जेज अफेयर आफताब हसन खान ने कहा है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है। यह माना जाता है कि युद्ध के बजाय हम गरीबी और अशिक्षा को खत्म करने की दिशा में काम करते हैं। यह तभी संभव होगा जब शांति हो।
आफताब हसन खान ने साथ ही कहा कि शांति के लिए, मुद्दों को विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में बातचीत से हल किया जाना चाहिए जो 70 वर्षों से चल रहा है। आफताब हसन खान बोले कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है और यह केवल शांति के जरिए संभव होगा और इसके लिए प्रबल होना चाहिए मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के लिए जो 70 सालों से चल रहा है।
इमरान खान और बाजवा ने भी दिए बयान
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत के साथ शांति की इच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि दोनों देशों को अतीत को भूलकर अब आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान की सेना अनसुलझे मुद्दों पर बातचीत को तैयार है। बाजवा से एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी यही इच्छा जाहिर की थी।
क्या सुधार की राह पर है भारत और पाकिस्तान के रिश्ते !
शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के कोरोना पॉजिटिव होने पर ट्वीट किया और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। इसे दोनों देशों के बीच सुधरते रिश्ते का संकेत माना जा रहा है। हालांकि, अभी ये सब कयासबाजी ही है।
इसके अलावा भारत-पाकिस्तान ने बीते दिनों नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर शांति बनाए रखने को लेकर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा भारत पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे पर बातचीत भी दोबारा शुरू हुई है। इससे दोनों देशों के बीच दूरियां कम हो रही हैं। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच दूरी बहुत अधिक बढ़ गई थी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शरीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई की थी। जिसके बाद से रिश्तों में तल्खियां बदस्तूर जारी रही।
भारत और पाकिस्तान ने इससे पहले कई बार शांति वार्ता की है लेकिन हर बार प्रक्रिया अधिक दिनों तक नहीं चल सकी लेकिन मौजूदा प्रक्रिया पिछले कुछ सालों में सबसे ठोस प्रयास है।