बेहद खतरनाक और दर्दभरी बीमारी के साथ जी रहे मिथुन की ऐसी हालत देखकर कोई भी डर जाता है। इस बीमारी के कारण उसका चेहरा काफी डरावना हो चुका है इसलिए मिथुन स्कूल भी नहीं जाता है। गांव वालों ने तो मिथुन का नाम ‘भुतहा लड़का’ रख दिया है। मिथुन इसे ऊपर वाले का अभिशाप मानता है।
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‘नवादा’ का रहने वाला मिथुन इस बीमारी के चलते पूरे दिन घर पर ही रहता है। उसके घर वाले उसकी इस बीमारी के पीछे किसी बुरी आत्मा का साया मानते है। चेहरे पर बड़ी-बड़ी दर्दभरी गांठों की वजह से मिथुन को खाने-पीने में भी काफी दिक्कत होती है।
‘नवादा’ का रहने वाला मिथुन इस बीमारी के चलते पूरे दिन घर पर ही रहता है। उसके घर वाले उसकी इस बीमारी के पीछे किसी बुरी आत्मा का साया मानते है। चेहरे पर बड़ी-बड़ी दर्दभरी गांठों की वजह से मिथुन को खाने-पीने में भी काफी दिक्कत होती है।
मिथुन के पिता के अनुसार जब मिथुन 5 साल का था, तब तबियत बिगड़ने पर उसे एक स्थानीय डॉक्टर ने कुछ दवाइयां दी थीं। उन्हें लेने के बाद से ही मिथुन के शरीर पर ये गांठें उभरने लगी। उस दिन के बाद से ये पूरे शरीर पर फैलती गईं।
शुरू में उसके पिता और पड़ोसी इसे ऊपर वाले का अभिशाप मान कर इलाज के लिए अनेक कर्मकांड करने लगे थे। जब कुछ फायदा नहीं हुआ तो वो मिशुन को डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने बताया कि मिथुन एक जेनेटिक डिसऑर्डर से प्रभावित है। इस बीमारी में गांठें शरीर की नसों के साथ बढ़ती हैं।
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