फिल्मी पर्दे पर इनको सबसे क्रूर सास का टैग मिला है. ये हैं ललिता पवार. हालांकि कुछ सॉफ्ट रोल भी इनके खाते में हैं लेकिन पहचान सख्त किरदारों से ज्यादा है.
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ललिता पवार की बर्थ डेट 18 अप्रैल 1916 है. एक आंख के जाने के बाद ही वह वैम्प के रोल में आई थीं. इससे पहले वह बॉलीवुड में हिरोइन बनना चाहती थीं.
अस्सी के दशक के प्रसिद्ध अभिनेता भगवान दादा को इस सीन में अभिनेत्री ललिता पवार को एक थप्पड़ मारना था. थप्पड़ इतनी जोर का पड़ा कि ललिता पवार वहीं गिर पड़ीं और उनके कान से खून बहने लगा. फौरन सेट पर ही इलाज शुरू हो गया. इसी इलाज के दौरान डाक्टर द्वारा दी गई किसी गलत दवा के नतीजे में ललिता पवार के शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया. इसी लकवे की वजह से उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई और उनकी सूरत हमेशा के लिए बिगड़ गई.
लेकिन आंख खराब होने के बावजूद भी ललिता पवार ने हार नहीं मानी भले ही अब उन्हें फिल्मों में हिरोइन का रोल नहीं मिलता था लेकिन यहां से उनकी जिंदगी में एक नई शुरुआत हुई हिंदी सिनेमा की सबसे क्रूर सास की.
ललिता पवार ने रामानंद सागर की रामायण में मंथरा का रोल भी किया था. 32 साल की उम्र में ही वह करैक्टर रोल्स करने लगी थीं.