रामलीला मैदान से अन्ना हजारे ने एक बार फिर हुंकार भरी है। इस बार वह सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं। उनके समर्थन में बड़ी तादाद में लोग रामलीला मैदान में पहुंचे है। अन्ना ने सत्याग्रह के मंच पर किसी भी राजनेता के प्रवेश पर रोक की बात कही है। सरकार का बड़ा फैलसा: बॉर्डर पर तैनात जवानों को मिलेंगे आधुनिक हथियार..
साथ ही कहा कि राजनीति से संबंधित इस्तीफे का शपथ पत्र भरकर ही कोई भी राजनीति से जुड़ा इंसान उनके मंच को सांझा कर सकता है। अन्ना ने कहा कि सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को जब तक केन्द्र सरकार नहीं मानती वह अनशन नहीं तोडे़ंगे।
इससे पहले शुक्रवार को अन्ना हजारे महाराष्ट्र सदन से राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया। वहां से बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित शहीदी पार्क पहुंचकर उन्होंने शहीद भगत सिंह और सुखदेव और राजगुरु को श्रृद्धांजलि दी। उसके बाद अन्ना ने रामलीला मैदान पहुंचकर लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके आंदोलन को दबाना चाहती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आंदोलन में शामिल होने के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर दिल्ली के बॉर्डरों के बाहर ही रोके जाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली आने वाली कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है।
26 सदस्यों की कोर कमेटी है अन्ना की ताकत
सत्याग्रह में अन्ना के साथ मंच सांझा करने वाले लोगों में देश के अलग-अलग राज्यों से चुने गए 26 लोगों की कोर कमेटी के सदस्य शामिल हैं। अन्ना संगठन के जनसंपर्क अधिकारी जयकांत ने बताया कि इस बार अन्ना किसी भी तरह से आंदोलन को राजनीति का शिकार नहीं होने देना चाहते, इसलिए सिर्फ मजदूरों और किसानों की पैरवी करने वाले संगठनों को कोर कमेटी हिस्सा बनाया गया है।
शौचालयों और पानी तक की व्यवस्था नहीं
अन्ना ने कहा कि रामलीला में उनके कहने के बावजूद लोगों के लिए शौचालयों और पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं कराई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके सत्याग्रह को खत्म करने के लिए ही सरकार ऐसी नीतियों का प्रयोग कर रही है। हालांकि रामलीला मैदान पहुंचे लोगों के भोजन के लिए अन्ना संगठन की ओर से भंडारे की व्यवस्था की गई है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने की अन्ना से सत्याग्रह पूर्व मुलाकात
सत्याग्रह शुरू होने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार रात को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह अन्ना हजारे से मिलने पहुंचे। इस बीच उन्होंने किसानों की मांगों के संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन देने की बात कही, लेकिन अन्ना ने केन्द्रीय मंत्री से कोरे आश्वासन देने के बजाय जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने की बात कही।
मुझे जेल में डाला तो चली जाएगी मोदी सरकार
राजनीति के खेल पर तल्ख टिप्पणी करते हुए अन्ना बोले कि पिछली बार जब मैंने सत्याग्रह किया तो कांग्रेस सरकार गिर गई और अब मैं चाहता हूं कि यह सरकार भी मुझे जेल में डाले और यह सरकार भी गिर जाए। अन्ना ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वह जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
अन्ना से मिलने के लिए बच्चा करता रहा इंतजार
पिछले अन्ना आंदोलन में दिनरात सहयोग करने वाले ऑटो रिक्शा चालक लाल सिंह शुक्रवार को अपने 11 वर्षीय गंभीर बीमारी पीड़ित बच्चे को लेकर रामलीला मैदान पहुंचे। लालसिंह ने कहा कि पिछले आंदोलन में उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर अन्ना को समर्थन दिया था और अब भी वह अन्ना के पूरे समर्थन में हैं। लेकिन उनका बेटा एक गंभीर बीमारी की चपेट में है, जिस कारण उसके 6 ऑपरेशन भी हो चुके हैं। बेटे का इलाज करवाने के लिए अब उन्हें अन्ना से आस है और वह अन्ना से मिलकर अपने बेटे के इलाज के लिए सहायता की उम्मीद कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि शुक्रवार को सुबह 9 बजे से लेकर देर शाम तक अन्ना से मिलने का काफी प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। वह शनिवार को अपने बेटे के साथ अन्ना से मिलने का फिर प्रयास करेंगे।
पहले दिन ही स्वास्थ्य प्रभावित, आराम की सलाह
अनशन के कारण सत्याग्रह के पहले दिन शाम को अन्ना का स्वास्थ्य थोड़ा प्रभावित हो गया, जिस कारण डॉक्टरों की टीम ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। डॉक्टर अन्ना का दिन में दो-तीन बार चेकअप कर रहे हैं और उनके हेल्थ बुलेटिन तैयार कर रहे हैं। हालांकि पहले दिन अन्ना का हेल्थ कार्ड सामान्य दर्ज किया गया।