देश में एक बार फिर कोरोना वायरस की गति रफ़्तार से बढ़ रही है। रोजाना कोरोना संक्रमित रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार इस पर शीघ्र ही कोई फैसला ले सकती है।
प्राप्त एक खबर के अनुसार, कई देशों के वैज्ञानिकों के संयुक्त अध्ययन में बताया गया है कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के पश्चात् भी बहुत से स्वास्थ्यकर्मी डेल्टा वेरिएंट के चलते संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि शोध में कहा गया है कि जो भी स्वास्थ्यकर्मी वायरस की चपेट में आ रहा है उसमें गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिल रहे हैं, मगर उन्हें आइसोलेशन में जाना पड़ रहा है।
IGIB के निदेशक डॉ। अनुराग अग्रवाल के अनुसार, कोरोना के बढ़ते मामलों के मध्य स्वास्थ्य कर्मियों की किसी भी प्रकार की संभावित कमी को रोकने के लिए बूस्टर डोज का आरम्भ करना आवश्यक है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित एक सीनियर अफसर ने बताया कि बूस्टर डोज पर एक्सपर्ट्स स्टडी कम होने की वजह से अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक टीम इस पर काम कर रही है। टीके को लेकर गठित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति के एक मेंबर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन की बूस्टर डोज देने की तैयारी चल रही है।
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